केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली की एक अदालत में कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने कथित रूप से विधायक कुलदीप सिंह सेंगर द्वारा उन्नाव में एक नाबालिग लड़की के बलात्कार के 2017 के मामले से निपटते वक्त ‘‘ढुलमुल रवैया’’ अपनाया।
जांच एजेंसी ने 11 जुलाई 2018 को अपने आरोपपत्र में कहा कि वे उन्नाव जिले के जिला प्रशासन और अस्पतालों के अधिकारियों की भूमिका की जांच कर रहे हैं। आरोपपत्र में कहा गया, ‘‘जांच के दौरान, घटनाओं से जुड़ी कई शिकायतों पर स्थानीय पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई को संग्रहित किया गया जिसमें स्थानीय थाना पुलिस और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का ढुलमुल रवैया दिखता है।’’
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सीबीआई ने कहा कि इस मामले में आगे की जांच जारी है। सेंगर के सहयोगी शशि सिंह को भी आरोपपत्र में आरोपी के रूप में नामजद किया गया है। उस पर विधायक के घर नाबालिग लड़की को कथित रूप से लेकर आने का आरोप है। आरोपियों पर भादंसं की धाराओं 120 बी (आपराधिक साजिश), 363 (अपहरण), 366 (शादी के लिए मजबूर काने के लिए महिला का अपहरण या उसे लुभाना), 376 (बलात्कार), 506 (आपराधिक धमकी) तथा पॉक्सो कानून की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज है।