भारत में कोविड-19 का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। वायरस से निपटने के लिए केंद्र और तमाम राज्यों की सरकारें हरसंभव कोशिश कर रही है। संक्रमण की चपेट में आने से बचने के लिए सरकार ने कई गाइडलाइन जारी की है। मसलन, मास्क पहनना, हाथों को हर थोड़ी देर में सैनिटाइज करना आदि। हालांकि, कई राज्यों ने तो घर से बाहर निकलने पर मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया है। इस बीच, उत्तर प्रदेश में मास्क नहीं पहनने वाले लगभग 5300 लोगों का चालान प्रशासन ने काटा है। जबकि दोपहिया वाहनों पर एक से अधिक लोग के बैठने के मामलों में 18, 200 से अधिक लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई।
अपर मुख्य सचिव (गृह एवं सूचना) अवनीश कुमार अवस्थी ने शनिवार को बताया कि मास्क नहीं पहनने के लिए 5,298 लोगों का चालान किया गया है, सबसे अधिक 1461 चालान राजधानी लखनऊ में जबकि 1306 चालान वाराणसी में हुए। उल्लेखनीय है कि मास्क नहीं पहनने पर पहली बार 100 रुपये, दूसरी बार 100 रुपये और तीसरी बार तथा उसके बाद 500 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। अवस्थी ने कहा कि मास्क की कीमत पांच से दस रुपये के बीच है, ऐसे में जुर्माना भरने की बजाय लोग मास्क पहने।
अवस्थी ने बताया कि लॉकडाउन का उल्लंघन करने को लेकर 38, 472 लोग के खिलाफ कार्रवाई की गई और केवल एक दिन शुक्रवार को 24 लाख 60 हजार रुपये का जुर्माना वसूला गया। उन्होंने कहा कि दोपहिया वाहन पर एक ही व्यक्ति बैठ सकता है, अगर महिला है तो वह पीछे बैठ सकती है। उन्होंने बताया कि दोपहिया पर एक से अधिक व्यक्ति के यात्रा करने के मामले में 18 हजार 244 लोग के खिलाफ कार्रवाई गई और 14 लाख 90 हजार रुपये जुर्माना वसूला गया। अवस्थी ने बताया कि प्रदेश में कुल 863 हॉटस्पॉट हैं, जो 485 थानाक्षेत्रों में हैं। हॉटस्पाट क्षेत्रों में सात लाख 80 हजार मकान हैं।
उन्होंने कहा कि निषिद्ध क्षेत्र के बाहर काफी छूट दी गई है, लेकिन दुकानदारों से अपील है कि वे सामाजिक दूरी का पालन सुनिश्चित करें। अवस्थी ने बताया कि रोजाना डेढ़ से दो लाख श्रमिक लौट रहे हैं, ऐसे में व्यापक पैमाने पर उनकी जांच की आवश्यकता है। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज में शनिवार से लेवल—3 की नयी लैब बनाने का कार्य शुरू हो गया है।