समाजवादी पार्टी के सांसद आज़म खान की अखिलेश यादव से नाराजगी खुलकर सामने आ रही है। स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए सपा प्रमुख से मुलाकात का इनकार करने के बाद आज़म ने कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम से मुलाकात की है। कृष्णम ने मुलाकात के बाद एक शेर के जरिए आज़म खान के हालातों का वर्णन किया। कांग्रेस नेता ने सपा नेता को श्रीमद्भागवत गीता भी भेंट की।
आजम खान पर ज्यादती हुई
मुलाकात के बाद जेल से बाहर निकले प्रमोद कृष्णम ने बताया कि वह आजम से मिलकर कोई रणनीति बनाने नहीं आए थे बल्कि उनका हालचाल जानने आए थे। उन्होंने कहा कि आजम खान पर बहुत ज्यादती हुई है। प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ एक साधु हैं। साधु होने के नाते उनका हृदय विराट होना चाहिए। उनका भाव समदर्शी होना चाहिए। उनके राज में निर्दोष पर जुर्म होना अपने आप में अन्याय है।
एक-दो जख्म नहीं…….., पूरा जिस्म ही छलनी
वहीं एक न्यूज़ चैनल से बातचीत में आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि अखिलेश जो भी अब कह रहे हैं उनके अब कोई मायने नहीं बचे हैं। आचार्य ने आजम की हालत पर कहा, “एक-दो जख्म नहीं…….., पूरा जिस्म ही छलनी है। दर्द परेशान है……किधर से उठूं ।”
आजम खान को देखकर बहुत अफसोस हुआ
प्रमोद कृष्णम ने कहा, ‘मेरे और उनके बीच में जो बात हुई मुझे नहीं लगता कि उसे बताना ज्यादा मुनासिब होगा। लेकिन कह सकता हूं कि हमारे बीच देश के राजनीतिक हालात, मुल्क के मुस्तकबिल, भारत के भविष्य पर बात हुई। यूपी में जिस तरह नफरत की सियासत हो रही है उस पर बात हुई। उन्होंने अपने ऊपर जो जुल्म हुए हैं उन्हें बताया। जो यातनाएं उन्हें दी जा रही हैं उन्हें बताया। दो साल से ज्यादा हो गया है।
कांग्रेस नेता ने कहा, आजम खान जैसे कद्दावर नेता को जिस तरह के मुकदमों में जेल में रखा गया है, मुझे शर्म आती है अपने यहां के लोकतांत्रिक ढांचे पर। जो इंसान संसद का सदस्य रहा है। भारत की राजनीति का एक अहम हिस्सा रहा है। कितनी बार मिनिस्टर, कितनी बार एमएलए रहा है, कितने लोगों की खिदमत की है। मुझे आज आजम खान को देखकर बहुत अफसोस हुआ। जिस तरह से उन्हें जेल में रखा गया है, मुझे बहुत दु:ख हुआ।’
राजनीतिक विरोधी को निजी दुश्मन मानना लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं
प्रमोद कृष्णम ने कहा कि ‘मैं यूपी के मुख्यमंत्री से अपील करना चाहता हूं कि यह ठीक नहीं है। राजनीतिक विरोधी को निजी दुश्मन मानना लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। यह मानवता के खिलाफ है। जिस प्रदेश का मुख्यमंत्री एक साधु हो वहां किसी शरीफ आदमी के साथ ऐसा बर्ताव हो, यह ठीक नहीं है। मैं दरखास्त करता हूं कि आजम खान पर जो झूठे-फर्जी मुकदमे लगाए गए हैं उन्हें हटाया जाए।
उन्होंने कहा कि क्या यह सोचा जा सकता है कि आजम खान जैसा इंसान बकरी, मुर्गी, किताबें चुरा सकता है। आजम खान मिनिस्टर हैं और गाड़ी से उतारकर शराब के ठेके से शराब की बोतल चुरा सकते हैं। यह क्या है? क्या यह संभव है? आजम खान पर जो मुकदमे लगाए गए हैं। इन मुकदमों में दो साल से ज्यादा हो गया लेकिन जमानत नहीं होने दी जा रही है। एक साल ज्यादा उन्हें कोरोना में बीत गया। शुगर हो गया है। उनका इलाज चल रहा है। उनके दांत में दर्द है। बेहद तकलीफ है। उनसे मिलकर मुझे बहुत दु:ख हुआ।’
गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के प्रमुख नेता आज़म खान करीब 26 महीने से सीतापुर जेल में बंद हैं। पिछले कई दिनों से जेल में कई नेताओं से उनकी मुलाकात का सिलसिला शुरू हो गया है। मुलाकातों के इस दौरान में आज़म ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात से इनकार किया है। उन्होंने सोमवार को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अखिलेश से मुलाकात करने से इंकार कर दिया।