सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि पर बोले योगी- उन्होंने देश को एकता और अखंडता का अभेद्य कवच दिया - Punjab Kesari
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सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि पर बोले योगी- उन्होंने देश को एकता और अखंडता का अभेद्य कवच दिया

देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल को मंगलवार को उनकी पुण्यतिथि पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री

देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल को मंगलवार को उनकी पुण्यतिथि पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हजरतगंज पहुंच कर मुख्यमंत्री ने सरदार पटेल की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि सरदार बल्लभ भाई पटेल अखंड भारत के शिल्पी थे। उन्होंने देश को एकता और अखंडता का अभेद्य कवच दिया।
 उन्होंने कहा कि, “जब भारत के अंदर देश की स्वाधीनता के लिए एक नया शंखनाद हुआ तो कुटिल अंग्रेज इस बात को समझ गए की अब भारत को बहुत अधिक दिन तक वे अपने शासन के अधीन नहीं रख सकते हैं, तो उन्होंने भारत को टुकड़ों-टुकड़ों में बांटने की साजिश रची। अंग्रेजों की इस साजिश को विफल करने में जिस महापुरुष ने सबसे बड़ी भूमिका निभाई वह सरदार बल्लभ भाई पटेल थे। वे वर्तमान भारत के इस स्वरुप के शिल्पी हैं । जिनकी 70 वीं पुण्यतिथि पर स्मरण करने के लिए हम सब यहां एकत्र हुए हैं।” 
 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल ने भारत को एक सूत्र में बांध कर देश की एकता व अखंडता को अभेद्य कवच बनाया। योगी ने कहा कि देश को एकता और अखंडता के सूत्र में पिरोने वाले अपने इस महान नेता और भारत माता के अमर सपूत के प्रति राष्ट्र हमेशा कृतज्ञ रहेगा। योगी ने कहा कि इस अवसर पर मैं प्रदेश वासियों की ओर से सरदार वल्लभ भाई पटेल जी के द्वारा किये गए योगदान के प्रति विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें कोटि कोटि नमन करता हूं। 
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योगी आदित्यनाथ ने कहा कि,”सरदार पटेल ही देश की एकता के सूत्रधार थे। हम सब जानते हैं की यह देश भले ही राजनीतिक रूप से किसी काल खंड में अलग अलग समूहों में रहा होगा लेकिन सांस्कृतिक रूप से अतीत के उस काल खंड से जब से मानव ने इस धरती पर जन्म लिया, उत्तर में हिमालय से ले करके दक्षिण में समुद्र पर्यंत तक पूरा भारत एक सांस्कृतिक इकाई के रूप में जाना जाता था।”
कहा कि, “हमारे शास्त्रों ने और भारतीय मनीषा ने सदैव इस इकाई को भारत भूमि के रूप में या हिंदुस्तान के रूप में मान्यता दे करके इस एक भू सांस्कृतिक अवधारणा को राष्ट्र के रूप में माना था। लेकिन उत्थान और पतन जैसे व्यक्तिगत जीवन में आता है, ऐसे ही राष्ट्र के जीवन में भी ये चीजें देखने को मिलती हैं।” 
इस देश में विदेशी हुकूमत ने एक कालखंड तक शासन किया। विदेशी हुकूमत यह जानती थी की वे भारत पर तब तक स्थाई रूप से शासन नहीं कर सकते, जब तक की यहां के नागरिक एक भाव के साथ जुड़े हुए हैं। उन्होंने यहां की एकता और अखंडता को खंडित करने का प्रयास भी किया। लेकिन सरदार पटेल ने एकता और अखंडता को मजबूत करते हुए भारत को एक ऐसे स्वरूप में ला खड़ा किया जहां, हर साजिश नाकाम हो कर रह गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल किसी भी प्रकार के बंटवारे के पक्षधर नहीं थे। 

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