CJI ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश के खिलाफ सीबीआई को मामला दर्ज करने की दी इजाजत - Punjab Kesari
Girl in a jacket

CJI ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश के खिलाफ सीबीआई को मामला दर्ज करने की दी इजाजत

उच्चतर न्यायपालिका के सदस्यों के खिलाफ पहले भी भ्रष्टाचार के मामले सामने आए थे और उन्हें पद से

उच्चतर न्यायपालिका में भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर कदम उठाते हुए प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने एक निजी मेडिकल कालेज में एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश की अनुमति देने में कथित भ्रष्टाचार के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट  के पीठासीन न्यायाधीश एस एन शुक्ला के खिलाफ सीबीआई को नियमित मामला दर्ज करने की इजाजत दे दी है। 
यह पहला अवसर है जब हाई कोर्ट के किसी पीठासीन न्यायाधीश के खिलाफ इस तरह से सीबीआई को मामला दर्ज करके जांच करने की अनुमति दी गयी है। केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को एक पत्र लिखकर न्यायमूर्ति शुक्ला के खिलाफ नियमित मामला दर्ज करने की अनुमति मांगी थी। 
1564574605 allahabad high court
जांच ब्यूरो ने अपने पत्र में लिखा था कि न्यायमूर्ति शुक्ला के कथित कदाचार का तथ्य पूर्ववर्ती प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के संज्ञान में लाया गया था और उनकी सलाह पर न्यायाधीश और कुछ अन्य के खिलाफ प्रारंभिक मामला दर्ज किया गया था। जांच ब्यूरो ने नियमित मामला दर्ज करने की अनुमति के लिए लिखे पत्र में प्रधान न्यायाधीश को अपनी प्रारंभिक जांच के बारे में संक्षिप्त नोट के साथ पूरे घटनाक्रम का विवरण दिया था। 
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने सीबीआई द्वारा पेश पत्र और दस्तावेजों का संज्ञान लेते हुए जांच ब्यूरो को इसकी अनुमति प्रदान की। प्रधान न्यायाधीश ने लिखा, ‘‘मैंने इस विषय में आपके पत्र के साथ लगे अनुलग्नकों पर विचार किया। इस मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए मैं जांच के लिए नियमित मामला दर्ज करने की अनुमति प्रदान करता हूं।’’ 
सुप्रीम कोर्ट के एक अधिकारी ने बताया कि यह पहला अवसर है जब किसी हाई कोर्ट के पीठासीन न्यायाधीश के खिलाफ मामला दर्ज करने की अनुमति दी गयी है। उच्चतर न्यायपालिका के सदस्यों के खिलाफ पहले भी भ्रष्टाचार के मामले सामने आए थे और उन्हें पद से हटाने के लिए सरकार से सिफारिश की गयी थी लेकिन न्यायाधीश को पद से हटाने की प्रक्रिया कभी भी अपने मुकाम तक नहीं पहुंच सकी थी। 
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपनी प्रशासनिक पक्ष की ओर से कार्रवाई करते हुए कई महीने पहले ही न्यायमूर्ति शुक्ला से न्यायिक कार्य वापस ले लिया था। प्रधान न्यायाधीश द्वारा जांच ब्यूरो को हाई कोर्ट के सेवारत न्यायाधीश के खिलाफ कार्यवाही करने की अनुमति देने का फैसला महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे पहले के. वीरास्वामी प्रकरण में न्यायालय ने प्रधान न्यायाधीश को साक्ष्य दिखाए बगैर किसी न्यायाधीश के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करके जांच करने की अनुमति देने से इंकार कर दिया था। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।