कानूनी छात्रा के साथ यौन शोषण के आरोप में आज सुबह गिरफ्तार किए गए पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वामी चिन्मयानंद ने पुलिस के सामने अपना जुर्म कबूल कर लिया जबकि स्वामी से जबरन उगाही के आरोप में तीन और लोग गिरफ्तार किए गए हैं जिनमें दो पीडिता के रिश्तेदार हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पूरे मामले की जांच कर रही एसआईटी के प्रमुख् और पुलिस महानिरीक्षक नवीन अरोड़ ने यहां संवाददाताओं से कहा कि स्वामी चिन्मयानंद ने बलात्कार के अलावा सभी आरोप स्वीकार कर लिए हैं। उन्होंने कहा कि छात्रा से फोन पर गंदी बात करने और उससे शरीर पर मालिश कराने की बात स्वामी ने कबूल की है।
उन्होंने कहा कि परिस्थितिजन्य साक्ष्यों की जांच की जा रही है। एसआईटी चीफ नवीन अरोड़ा ने आगे कहा कि स्वामी चिन्मयानंद ने कहा वे और ज्यादा कुछ नहीं बोलने चाहता हैं कि क्योंकि वे अपने किए पर शर्मिंदा है। स्वामी के सामने अंतिम पूछताछ ने पीडित छात्रा ने कहा कि वो आगे इस मामले में शर्म के कारण ज्यादा कुछ नहीं कह सकती। एसआईटी प्रमुख ने कहा कि स्वामी ने छात्रा से 200 बार फोन पर बात की जिसका रिकार्ड मौजूद है।
पुलिस ने चिन्मयानंद को आज सुबह गिरफ्तार किया। उन्हें मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ओमबीर सिंह की अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। जेल में उनके साथ जांच एजेंसी एसआईटी के लोग भी थे जो उन्हें छोड कर वापस आ गए। जेल ले जाने के पहले उनका मेडिकल परीक्षण भी कराया गया।
पीडित छात्रा ने चार दिन पहले मजिस्ट्रेट के सामने धारा 164 के तहत अपना कलम बंद बयान दर्ज कराया था जिसमें उसने चिन्मयानंद पर कई बार बलात्कार करने और नहाते वक्त का वीडियो बनाने का आरोप लगाया था। छात्रा ने अपने आरोप में 59 सबूत पेश किए थे जिसमें 40 से ज्यादा सबूत एक पेन ड्राइव में थे।
छात्रा के बयान के बाद से ही चिन्मयानंद पर गिरफतारी की तलवार लटक रही थी। बयान देने वाले दिन से ही स्वामी की तबीयत बिगड गई। उन्हें कल शाम डाक्टरों ने लखनऊ के संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान भेजने को कहा था लेकिन स्वामी अपने आश्रम में बने आवास में आ गए थे।