किसान आंदोलन : प्रदर्शनकारियों की संख्या संतुलित करने के लिए BKU ने बनाई नयी रणनीति - Punjab Kesari
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किसान आंदोलन : प्रदर्शनकारियों की संख्या संतुलित करने के लिए BKU ने बनाई नयी रणनीति

एक बार फिर प्रदर्शन को गति देने में किसान सभा जुटी है। इस बीच भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू)

केन्द्र के कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आंदोलन पिछले आठ महीने से जारी है। एक बार फिर प्रदर्शन को गति देने में किसान सभा जुटी है। इस बीच भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) ने गाजीपुर बॉर्डर में प्रदर्शनकारियों की संख्या संतुलित करने के लिये नयी रणनीति अपनाई है। इस रणनीति के तहत एक गांव से 10 प्रदर्शनकारियों को 15 दिन तक प्रदर्शन में हिस्सा लेने का निर्देश दिया गया है।
फिलहाल हमारे पास करीब 4 से 5 हजार लोग
बीकेयू के मीडिया सह-प्रभारी सौरभ उपाध्याय ने बताया, ”हमने यहां गाजीपुर में प्रदर्शन में शामिल होने की योजना बना रहे हमारे सभी समर्थकों से यह सुनिश्चित करने के लिये कहा है कि एक गांव से 15 दिन यहां रुकने के लिये तैयार लोगों की संख्या केवल दस हो।” उन्होंने कहा, ”इस तरीके से हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि गाजीपुर में प्रदर्शन स्थल पर किसानों की संख्या में संतुलन कायम रहे। फिलहाल हमारे पास करीब 4 से 5 हजार लोग हैं।”
गाजीपुर में किसान नेता और बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत जिम्मा संभाल रहे हैं
बीकेयू किसानों संघों के मुख्य संघ संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) का हिस्सा है। बीकेयू का हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के अलावा उत्तर प्रदेश, विशेष रूप से राज्य के पश्चिमी हिस्से में एक बड़ा जनाधार है, जहां से दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर गाजीपुर में चल रहे विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए हैं। गाजीपुर में किसान नेता और बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत जिम्मा संभाल रहे हैं। एसकेएम ने पिछले साल 26 नवंबर को दिल्ली से लगी विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन शुरू किया था। 26 जुलाई को आंदोलन के आठ महीने पूरे हो जाएंगे।
सर्दी और गर्मी को सहन करना मुश्किल था क्योंकि यह एक खुली जगह है
यूपी गेट पर फ्लाईओवर के नीचे और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर एक हिस्से पर डेरा डाले हुए किसानों ने कड़ाके की ठंड और भीषण गर्मी का सामना किया। वे अब मानसून की बारिश का सामना करने की तैयारी कर रहे हैं। उपाध्याय ने कहा, “इसमें कोई संदेह नहीं है कि सर्दी और गर्मी को सहन करना मुश्किल था क्योंकि यह एक खुली जगह है। हमारे पास जिस तरह की व्यवस्था है, उसके साथ मानसून भी हमारे लिए एक कठिन समय हो सकता है, लेकिन यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं कि हमारे यहां किसानों के रहने के लिए पर्याप्त सुविधाएं हों।”
बारिश के दौरान पानी के प्रवेश को रोकने के लिए नयी तिरपाल शीट के साथ कवर कर रहे
उन्होंने कहा,, “हम बारिश के दौरान पानी के प्रवेश को रोकने के लिए अपने अस्थायी आश्रय संरचनाओं को नयी तिरपाल शीट के साथ कवर कर रहे हैं। हमने आने वाले दिनों में धरने में शामिल होने की योजना बना रहे किसानों को भी सूचित किया है कि वे बारिश के दौरान अपने ट्रैक्टर-ट्रॉली में सोने और खाना पकाने की व्यवस्था करके आएं।”
टैंकरों के माध्यम से गाजियाबाद से पीने योग्य पानी खरीद रहे हैं
उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी प्रतिदिन टैंकरों के माध्यम से गाजियाबाद से पीने योग्य पानी खरीद रहे हैं और स्थानीय प्रशासन काफी हद तक सहयोग कर रहा है। गाजीपुर के अलावा, किसान पिछले साल नवंबर से दिल्ली के सीमावर्ती सिंघू और टिकरी बॉर्डरों पर भी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

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