यूपी में विपक्षियों का किला ढहाने में जुटी भाजपा - Punjab Kesari
Girl in a jacket

यूपी में विपक्षियों का किला ढहाने में जुटी भाजपा

विधानसभा के विशेष सत्र का बहिष्कार कर विपक्ष ने भले ही भाजपा के अभियान को फीका करने का

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अब धीरे-धीरे विपक्ष का किला ढहाने में जुट गई है। विधानसभा के विशेष सत्र का बहिष्कार कर विपक्ष ने भले ही भाजपा के अभियान को फीका करने का प्रयास किया हो, मगर कांग्रेस, बसपा और सपा के बागी विधायकों की सदन में मौजूदगी ने विपक्ष के बहिष्कार अभियान को पलीता लगाया है। 
विधानमंडल के विशेष सत्र के दौरान दो दिनों में हुए घटनाक्रम ने सत्तारूढ़ दल की रणनीति के साथ ही विपक्ष की कमजोर होती तस्वीर दिखाई दी। विपक्षी दलों द्वारा सदन के बहिष्कर के बावजूद सपा के दो, बसपा के तीन और कांग्रेस के दो सदस्यों ने सदन में भाग ही नहीं लिया, बल्कि बोले भी। इन लोगों के भाग लेने से स्पष्ट है कि इन सदस्यों को अपने दल की कार्यशैली पसंद नहीं है, इसलिए उन्होंने पार्टी लाइन से हटकर यह कदम उठाया है। 
बहुजन समाज पार्टी के असलम राईनी ने तो सदन में आकर सबको अचंभे में डाल दिया। हालांकि उन्होंने कहा, “मेरी आस्था बसपा में थी और रहेगी। लेकिन मैंने यह कदम इतिहास के पन्ने में दर्ज होने के लिए उठाया है।” कुछ ऐसे ही संकेत जौनपुर के एमएलसी ब्रजेश सिंह प्रिंसू के सरकार के साथ आने और पुरवा से विधायक अनिल सिंह के फैसले से भी मिले। ये लोग अभी बसपा के सदस्य हैं। अनिल सिंह इससे पहले भी राज्यसभा में भाजपा के पक्ष में क्रॉस वोटिंग कर चुके हैं और खुलेआम भाजपा के मंचों पर दिखाई देते हैं। 
1570250737 bsp
समाजवादी पार्टी के विधायक शिवपाल यादव और नितिन अग्रवाल ने भी सदन की कार्यवाही में भाग लिया। ये दोनों योगी सरकार की तारीफ भी कर चुके हैं। सूत्र बताते हैं कि शिवपाल को लाने के लिए एक-दो विधायकों को लगाया गया था। शिवपाल को लाकर सत्तारूढ़ दल सपा को एक अलग संदेश देना चाह रहा था। कांग्रेस की रायबरेली सदर से विधायक अदिति सिंह और हरचंदपुर से विधायक राकेश सिंह का सदन में आना सबसे ज्यादा आश्चर्यजनक रहा। 
हालांकि राकेश सिंह के भाई दिनेश सिंह भाजपा में हैं और सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव भी लड़ चुके हैं। राकेश अभी तक पर्दे के पीछे से भाजपा का साथ दे रहे थे, लेकिन विशेष सत्र में वह खुलकर भाजपा के समर्थन में आ गए। रायबरेली के पूर्व विधायक अखिलेश सिंह की पुत्री अदिति सिंह को 2017 में चुनाव मैदान में उतारकर कांग्रेस ने अपनी जमीन मजबूत की थी, लेकिन कांग्रेस के बहिष्कार के बावजूद उनका सदन में भाषण देना पार्टी को कमजोर करता है। हालांकि पार्टी ने उन्हें इस घटना पर कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है। उन्हें अब दो दिन में जवाब देना है। अब निगाहें अदिति के अगले कदम पर हैं। 
1570250767 aditi
मुख्यमंत्री योगी ने विपक्षी दलों के सदस्यों का इस विशेष सत्र में भाग लेने पर धन्यवाद भी दिया। उन्होंने कहा कि इन सदस्यों ने इस चर्चा में भाग लेकर जता दिया कि वह प्रदेश के विकास में ईमानदारी के साथ भागीदारी करेंगे। सूत्र बातते हैं कि भाजपा ने अमेठी के बाद रायबरेली को अपने कब्जे में करने के लिए सोनिया गांधी के करीबियों को अपने पाले में लाने का प्लान किया है। उसकी बानगी सदन में देखने को मिली है। 
विधानसभा चुनाव 2017 में रायबरेली की पांच में से दो-दो सीटों पर भाजपा और कांग्रेस जीतीं, जबकि एक सीट समाजवादी पार्टी के पाले में गई। अब यदि अदिति और राकेश पाला बदलते हैं तो चार सीटों पर भाजपा के विधायक हो जाएंगे और कांग्रेस शून्य हो जाएगी। यह भाजपा की बड़ी जीत होगी। 
भाजपा के एक बड़े पदाधिकारी के अनुसार, भाजपा द्वारा सपा और बसपा के कुछ सदस्यों को अपने पाले में लाने के प्रयास बहुत दिनों से चल रहे हैं। उनके लिए अभी जो इन दलों से नेता आए हैं, उनको इस काम में लगाया गया है। अभी उसमें कुछ हद तक ही सफलता मिली है। 

विधानसभा विशेष सत्र: सीएम योगी बोले- सतत विकास लक्ष्यों पर हुई अनवरत चर्चा

उनका मानना है कि ये साल 2022 के चुनाव के पहले भाजपा के पाले में आ जाएंगे। वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक राजीव श्रीवास्तव का कहना है कि 2022 का विधानसभा चुनाव अभी दूर है। आज की तारीख में अदिति सिंह भाजपा में शामिल नहीं होंगी, जब तक कांग्रेस खुद इनके खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष को लिखकर न दे। अन्यथा 2022 तक कोई सदस्य ऐसा फैसला लेगा। अभी चुनाव में दो साल से ज्यादा का समय है। ऐसे में कोई भी सदस्य आयोग्य घोषित नहीं होना चाहेगा। 
उन्होंने कहा कि भाजपा विपक्ष की ओर से कदम उठाए जाने के बाद ही कोई निर्णय लेगी। विपक्ष के सदस्य अपनी पार्टी की कार्यशैली से सहमत नहीं हैं, इसीलिए वह इस प्रकार का विरोध दिखा रहे हैं। सदन तो एक बहाना है। हालांकि विपक्ष क्या निर्णय लेगा, इस पर सभी की निगाहें रहेंगी। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

three + eighteen =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।