समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए भाजपा ने कहा कि ईवीएम पर सवाल उठाना लोकतंत्र विरोधी है। भाजपा ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़, राजस्थान और अन्य राज्यों में हार के बाद भाजपा ने ईवीएम पर सवाल नहीं उठाया था। सपा प्रमुख यादव ने मतगणना से पहले गड़बड़ी का आरोप लगाया है और कहा है कि वाराणसी में पार्टी कार्यकर्ताओं ने ईवीएम ले जा रहे एक ट्रक को रोका, जबकि दो अन्य ट्रक तेजी से भागने में सफल रहे।
अहंकार और लोकतांत्रिक विरोधी रवैया
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बी.एल. संतोष ने ट्वीट किया, अखिलेश यादव और जयंत चौधरी द्वारा ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगाकर एग्जिट पोल पर की गई प्रतिक्रिया से पता चलता है कि वे वास्तविक दुनिया से कितने अलग हैं। वंशवादी राजनीति के कारण हकदार होने की भावना उन्हें अहंकार और लोकतांत्रिक विरोधी रवैया देती है।
The very reaction by dynasts @yadavakhilesh & Jayant Choudhary to exit polls by accusing @ECISVEEP of EVM malpractices shows how separated they are from real world . The sense of entitlement due to dynastic politics gives them the arrogance & anti democratic attitude .
— B L Santhosh (@blsanthosh) March 8, 2022
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सी.टी. रवि ने बिना किसी का नाम लिए ट्वीट किया, ‘बेचारे ईवीएम, उन्हें वंशवाद का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।’ बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव और गोरखपुर क्षेत्र के पार्टी प्रभारी अरविंद मेनन ने कहा कि अखिलेश का ईवीएम पर सवाल उठाना लोकतंत्र विरोधी है।
बीजेपी ने ईवीएम पर सवाल उठाया था?
मेनन ने हिंदी में ट्वीट किया, एक लोकतंत्र में, लोगों का निर्णय सर्वोपरि है और इसे खुले दिमाग और आत्मनिरीक्षण के साथ स्वीकार किया जाना चाहिए। अखिलेश यादव जी का ईवीएम पर सवाल उठाना न केवल हास्यास्पद है, बल्कि अलोकतांत्रिक भी है। क्या छत्तीसगढ़, राजस्थान आदि में हार के बाद बीजेपी ने ईवीएम पर सवाल उठाया था?
सपा प्रमुख यादव पर तंज कसते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा था, 10 मार्च का इंतजार करें.. अखिलेश (यादव) कहने लगे हैं कि नतीजे आने से पहले ही ईवीएम बेवफा है। ठाकुर ने कहा था, भाजपा नए ‘एमवाई’ (मोदी-योगी) कारक के कारण उत्तर प्रदेश में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता बरकरार रखेगी।