उत्तर प्रदेश के पंचायतीराज मंत्री भूपेंद्र चौधरी को बीजेपी की प्रदेश इकाई का अध्यक्ष बनाया जा सकता है। जानकारी के मुताबिक, पंचायतीराज मंत्री को अभी तक प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में उन्हें सबसे आगे माना जा रहा है। वहीं पार्टी द्वारा इस संभावित नियुक्ति को राजनीतिक रूप से प्रभावी जाट समुदाय को साधने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।
ज्ञात हो कि केंद्र सरकार के विवादास्पद तीन कृषि कानूनों के खिलाफ राजधानी दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में एक साल तक चले आंदोलन में जाट समुदाय ने अग्रणी भूमिका निभायी थी। सूत्रों ने बताया कि भूपेंद्र चौधरी ने बुधवार को देर शाम बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की थी।
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भूपेंद्र चौधरी को यदि उत्तर प्रदेश इकाई का अध्यक्ष बनाया जाता है तो वह स्वतंत्र देव सिंह का स्थान लेंगे। सिंह को योगी सरकार में मंत्री बनाया गया है। मुख्यमंत्री योगी पूर्वी उत्तर प्रदेश से हैं। ऐसे में बीजेपी चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष के पद पर नियुक्त कर क्षेत्रीय संतुलन भी साधना चाहती है। चौधरी पश्चिमी उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखते हैं।
जाट वोट बैंक को साधने के लिए मजबूत माने जाते हैं चौधरी
मिशन 2024 के मद्देनजर बीजेपी पश्चिमी यूपी के नेता को अध्यक्ष की जिम्मेदारी देना चाहती है। जाट वोट बैंक को साधने के लिए चौधरी सबसे मजबूत नेता माने जा रहे हैं। ऐसे में पश्चिमी यूपी में रालोद और सपा के गठबंधन का असर कम करने के लिए उनको आगे किया जाना लगभग तय हो गया है। इससे पश्चिमी यूपी की जाटों के प्रभाव वाली डेढ़ दर्जन लोकसभा सीटों पर बीजेपी को फायदा हो सकता है।