श्रीकृष्ण जन्म भूमि के पास अवैध निर्माण वाली बस्तियों पर रेलवे की जमीन पर कब्जे वालों के घरो पर चल रही बुलडोजर की कार्रवाई पर लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है, कोर्ट ने इस पर 10 दिनों के लिए रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। वहीं अगली सुनवाई अब एक हफ्ते बाद की जाएगी। 14 अगस्त को रेलवे लाइन पर अतिक्रमण करने वाले घरो पर बुलडोजर की कार्रवाई की गई थी। 75 घर तोड़ दिए गए थे। इस अतिक्रमण अभियान को रोकने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
जानिए क्या है पूरा मामला
वरिष्ठ अधिवक्ता ने बताया कि मामला उत्तर प्रदेश में कृष्ण जन्मभूमि के पास बस्तियों को गिराए जाने से जुड़ा है। वे 1800 के दशक से वहां हैं। विध्वंस के नोटिस के खिलाफ एक निषेधाज्ञा मुकदमा लंबित था। हाई कोर्ट बंद है। उन्होंने शीर्ष अदालत से अनुरोध किया कि मामले को आज सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए।
याचिकाकर्ताओं के पास रेलवे की तरफ से नहीं आया कोई नोटिस
सुप्रीम कोर्ट में में याचिकाकर्ताओं ने रेलवे द्वारा ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की है। याचिकाकर्ताओं ने सिविल कोर्ट के सीनियर डिवीजन, मथुरा, उत्तर प्रदेश के समक्ष एक सिविल मुकदमा दायर किया। लेकिन इसी बीच नौ अगस्त 2023 को विध्वंस शुरू हो गया। इसके अगले ही दिन 10 अगस्त को चुनौती दी गई। कोर्ट में रेलवे की ओर से पेश अधिवक्ता ने 10 अगस्त को कहा था कि उनके पास विध्वंस का कोई आदेश नहीं है। बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में सोमवार को सभी अदालती कार्यवाही निलंबित कर दी गई थीं। एक वकील को गोली लगने के कारण बार काउंसिल ने एक प्रस्ताव पारित किया।