बहराइच : भेड़ियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान तेज, प्रभावित क्षेत्रों की 24 घंटे हो रही निगरानी
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बहराइच : भेड़ियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान तेज, प्रभावित क्षेत्रों की 24 घंटे हो रही निगरानी

बहराइच : ड्रोन से ली गई ताजा तस्वीरों में बाकी बचे दो भेड़ियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान तेज किया जा रहा है, क्योंकि लोगों में हमले का डर बना हुआ है और भेड़ियों के हमलों को रोकने के लिए वन विभाग की टीम अथक प्रयास कर रही है। बता दें कि शनिवार की सुबह हरबक्श पुरवा गांव में ड्रोन से ली गई तस्वीरों में कृषि भूमि का एक बड़ा हिस्सा निगरानी में दिखा। शनिवार की सुबह हरबक्श पुरवा से 2-3 किलोमीटर दूर, वन अधिकारियों ने थर्मल ड्रोन की मदद से भेड़िये को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान चलाया, क्योंकि शुक्रवार रात को यह भेड़िये का पता चला था।

Highlight : 

  • बहराइच में बचे दो भेड़ियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान तेज
  • थर्मल ड्रोन की मदद से भेड़िये को पकड़ने के लिए चलाया तलाशी अभियान 
  • दो भेड़ियों में से एक अकेला भेड़िया है जो लोगों पर हमला कर रहा है

थर्मल ड्रोन की मदद से भेड़िये को पकड़ने का बनाया प्लान

वन सूत्रों के अनुसार, दो भेड़ियों में से एक अकेला भेड़िया है जो लोगों पर हमला कर रहा है। अभियान के बारे में बात करते हुए वन विभाग के महाप्रबंधक संजय पाठक ने मीडिया को बताया, ‘हम अपनी टीम के साथ कड़ी मेहनत कर रहे हैं और प्रभावित क्षेत्रों की 24 घंटे निगरानी कर रहे हैं।’ उन्होंने यह भी कहा कि भेड़ियों की जगह अब भेड़ों को उनके आवास के पास रखा जाएगा ताकि भेड़िया उन्हें खा सके क्योंकि भेड़ें उनकी पसंदीदा चीज़ हैं और एक बार भेड़ें मिल जाने के बाद उनका ‘आदमखोर’ व्यवहार बदल जाएगा और फिर इंसानों के लिए कोई समस्या नहीं रहेगी।

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आश्रय गृह में शरण ले रहें ग्रामीण

जिला प्रशासन ने पहले बने पंचायत भवन को आश्रय गृह में तब्दील कर दिया है। बहराइच की महसी तहसील के चांदपैया गांव में प्रशासन ने पंचायत भवन को आश्रय गृह में तब्दील कर दिया है, ताकि जिन ग्रामीणों के पास घर नहीं है या जिनके घर लकड़ी के दरवाजे वाले हैं, वे इन संरक्षित आवासों में शरण ले सकें। भेड़ियों के डर और अपने घरों की जर्जर हालत के कारण कई लोग इन संरक्षित आवासों में रह रहे हैं। पंचायत भवन आश्रय गृह में रहने वाले लोगों ने गांव में भेड़ियों के आतंक के बारे में अपनी आपबीती सुनाई, क्योंकि वे अपने घर छोड़कर यहां रहने को मजबूर हैं।

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अब तक चार भेड़ियों को पकड़ा जा चुका है

आश्रय गृह के सुपरवाइजर ने बताया, यहां ग्रामीणों के रहने की व्यवस्था की गई है। यहां 7 से 8 लोग रहने आते हैं। कुछ लोग पिछले पांच दिनों से तो कुछ पिछले 10 दिनों से रह रहे हैं। जैसे-जैसे लोगों की संख्या बढ़ती जाएगी, और व्यवस्था की जाएगी। वे डर और अपने घरों की खराब हालत के कारण यहां रह रहे हैं। अब तक चार भेड़ियों को पकड़ा जा चुका है। शनिवार की सुबह हरबक्श पुरवा गांव में ड्रोन से ली गई तस्वीरों में कृषि भूमि का एक बड़ा हिस्सा निगरानी में दिखा। शनिवार की सुबह हरबक्श पुरवा से 2-3 किलोमीटर दूर, वन अधिकारियों ने थर्मल ड्रोन की मदद से भेड़िये को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान चलाया, क्योंकि शुक्रवार रात को यह भेड़िये का पता चला था।

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