अयोध्या विवाद : SC ने वकीलों से बहस पूरी करने में लगने वाले समय के बारे में मांगी जानकारी - Punjab Kesari
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अयोध्या विवाद : SC ने वकीलों से बहस पूरी करने में लगने वाले समय के बारे में मांगी जानकारी

उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में सभी पक्षकारों के वकीलों से मंगलवार

उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में सभी पक्षकारों के वकीलों से मंगलवार को कहा कि वे अपनी दलीलें पूरी करने के बारे में अनुमानित समय की जानकारी दें। 
इस मामले की सुनवाई कर रही प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने भोजनावकाश के बाद एकत्र होते ही मुस्लिम पक्षकारों का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन से जानना चाहा कि उन्हें अपनी बहस पूरी करने में कितना वक्त लगेगा क्योंकि उसे भी इस मामले में फैसला लिखने के लिये उपलब्ध समय की जानकारी रहेगी। 
आगामी 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे प्रधान न्यायाधीश ने धवन से कहा कि वह अपने सहयोगियों के साथ बैठकर मंत्रणा करें और शीर्ष अदालत को बतायें कि उन्हें अपनी बहस पूरी करने में अभी कितने दिन और लगेंगे। 
संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं। 
सुन्नी वक्फ बोर्ड और मूल वादी एम सिद्दीक सहित अन्य की ओर से आठवें दिन बहस कर रहे धवन ने कहा कि वह भी इस मामले में फैसला चाहते हैं और वह अपनी दलीलें तेजी से रखेंगे। 
शीर्ष अदालत ने कहा कि यदि यह कार्यक्रम मालूम होगा तो ‘हम जान सकेंगे कि हमारे पास फैसला लिखने के लिये कितना समय है।’ धवन ने जब कहा कि न्यायालय को उन्हें इस शुक्रवार को मोहलत देने पर विचार करना चाहिए। 
पीठ ने कहा कि वह अवकाश ले सकते हैं परंतु मुस्लिम पक्षकारों की ओर से दूसरे वकील शुक्रवार को अपनी बहस जारी रख सकते हैं। 
धवन ने कहा, ‘‘मैं अपनी बहस का तारतम्य नहीं तोड़ना चाहता।’’ उन्होंने कहा कि उनका एक कार्यक्रम है और वे बहस की गति के प्रति सचेत हैं। 
पीठ ने कहा कि धवन को अवकाश की जरूरत होगी लेकिन उनकी ‘युवा टीम’ सक्षम है और वह मेहनत करना चाहेगी। 
इस विवाद का मध्यस्थता के जरिये सर्वमान्य समाधान खोजने का प्रयास विफल होने के बाद शीर्ष अदालत छह अगस्त से इस प्रकरण की रोजाना सुनवाई कर रही है। हालांकि, राजीव धवन ने इस मामले की रोजाना सुनवाई का विरोध किया था और न्यायालय ने उन्हें अपनी तैयारी करने के लिये सप्ताह के बीच में अवकाश देने का आश्वासन दिया था। 
संविधान पीठ इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सितंबर, 2010 के फैसले के खिलाफ दायर अपीलों पर सुनवाई कर रही है। उच्च न्यायालय ने अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि तीनों पक्षकारों-सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला के बीच बराबर-बराबर बांटने का आदेश दिया था। 

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