उत्तर प्रदेश के कुछ शहरों में सड़क पर नमाज पढ़ने के विरोध में कुछ हिन्दूवादी संगठनों द्वारा हनुमान चालीसा का पाठ किये जाने की घटनाओं के बीच मुस्लिम धर्म गुरुओं ने सड़क पर नमाज अदा करने से परहेज करने को कहा है। ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के महासचिव मौलाना वली रहमानी ने रविवार को कहा कि “शरीयत के हिसाब से खाली जगह पर नमाज अदा की जा सकती है। खाली जगह पर नमाज पढ़ना जायज है।”
इस सवाल पर कि सड़क तो कोई खाली जगह नहीं है, मौलाना ने कहा कि वह इसके आगे कुछ नहीं कहना चाहते। मेरी बात का मतलब निकालने का काम सुनने और पढ़ने वालों पर छोड़ दें। उधर, कथित हिन्दूवादी संगठनों द्वारा जबरन ‘जय श्रीराम’ बुलवाने और विरोध पर मारपीट किये जाने की हाल की घटनाओं पर बोर्ड के एक अन्य वरिष्ठ सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि उन्होंने हिन्दुत्व के बारे में जितना भी पढ़ा है, उसमें कहीं भी जोर जबर्दस्ती की गुंजाइश नहीं है। भगवान राम ने कहीं भी अपने मानने वालों से यह नहीं कहा है कि किसी से जबरन जयकारा लगवायें। वह तो मर्यादा पुरुषोत्तम हैं। उनके नाम पर अमर्यादित आचरण कैसे किया जा सकता है?
उन्होंने कहा, “जो लोग ऐसा कर रहे हैं, मुझे लगता है कि उन्हें भगवान राम और उनकी शिक्षा पर गहराई से अध्ययन करना चाहिये, ताकि उन्हें पता चले कि वह जिनके नाम पर जुल्म कर रहे हैं, उनका इस बारे में क्या कहना है।”
उन्होंने कहा, “नमाज अल्लाह की इबादत है। किसी को तकलीफ देकर इबादत करना ठीक नहीं है।” हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि सड़क पर नमाज पढ़ना कोई रोजाना की बात नहीं है। सिर्फ जुमे के दिन, वह भी चंद मस्जिदों में जब जगह भर जाती है तो लोग मजबूरन सड़क पर नमाज पढ़ते हैं लेकिन अगर किसी को इस सिलसिले में कोई एतराज है तो नमाजियों को थोड़ी जहमत उठाकर दूसरी मस्जिदों में वक्त से पहुंचकर नमाज अदा कर लेनी चाहिये।
मौलाना वली रहमानी ने हालांकि हनुमान चालीसा पाठ पर कहा कि भगवा चोला पहनकर, अराजकता फैलाना, मुस्लिम समाज पर धौंस मारना, कुछ लोगों की आदत बन गयी है। दूसरी ओर, मुसलमानों का मार खाने के बाद बिलबिला कर रह जाने का मिजाज बन गया है। खालिद रशीद फरंगी महली ने सड़क पर नमाज पढ़े जाने के मुद्दे पर खुलकर अपनी राय रखी।
मालूम हो कि प्रदेश के हाथरस जिले में हाल में हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर नमाज पढ़े जाने के विरोध में सिकन्दराराऊ क्षेत्र में हनुमान मंदिर के बाहर सड़क पर ‘हनुमान चालीसा’ का पाठ किया था। वाहिनी कानकुनों का कहना था कि जब सड़क पर नमाज पढ़़ी जा सकती है तो हनुमान चालीसा क्यों नहीं? उनका यह भी कहना था कि अब हर मंगलवार को सड़क पर चालीसा पाठ किया जाएगा। अलीगढ़ में भी सड़क पर नमाज पढ़े जाने के विरोध में हनुमान चालीसा का पाठ शुरू होने का संज्ञान लेते हुए सड़क पर बिना इजाजत ऐसी किसी भी गतिविधि पर प्रतिबंध लगा दिया था।