अतीक अहमद हत्या कांड जिससे पूरे देश में एक अलग बहस छिड़ गई थी पुलिस की कड़ी मौजूदगी में हत्यारो ने जिस प्रकार से अहमद भाइयो की खुले आम गोली मार कर हत्या की उसने पुलिस सुरक्षा पर प्रश्न चिन्ह खड़े कर दिए थे जिसके बाद राजनीतिक पार्टियों ने काफी आरोप भी लगाए थे।उत्तर प्रदेश सरकार ने अतीक अहमद की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक स्थिति रिपोर्ट दायर की और शीर्ष अदालत को अवगत कराया कि पुलिस सुधार और आधुनिकीकरण के उपाय चल रहे हैं और कठोर अपराधियों को आसानी से भागने से रोकने के लिए हथकड़ी लगाने के निर्देश जारी किए गए हैं।
अनुमोदित अनुदान के माध्यम से संभव
उत्तर प्रदेश राज्य ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि उसका पुलिस विभाग व्यापक आधुनिकीकरण प्रक्रिया से गुजर चुका है। इसमें मध्यम आकार की जेल वैन, ड्रोन, शरीर पर पहने जाने वाले कैमरे, पोस्टमार्टम किट, महिलाओं के लिए पूर्ण शरीर रक्षक, रेडियो उपकरण, सुरक्षा उपकरण, एटीएस से संबंधित उपकरण और विभिन्न वाहनों का अधिग्रहण शामिल है। ये अधिग्रहण भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार दोनों द्वारा अनुमोदित अनुदान के माध्यम से संभव हुए हैं। पुलिस मौजूदगी के बीच अतीक और अशरफ की हत्या की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति गठित करने की मांग करने वाली वकील विशाल तिवारी द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार उत्तर प्रदेश द्वारा स्थिति रिपोर्ट दायर की गई है।
दुर्दांत अपराधियों को भागने से रोकने के लिए हथकड़ी लगाने के निर्देश
राज्य ने शीर्ष अदालत को सूचित किया कि संबंधित मामले के संबंध में आरोप पत्र दायर किया गया है। राज्य सरकार ने गवाह सुरक्षा योजना का पालन करने के निर्देश दिये है। राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत को सूचित किया कि दुर्दांत अपराधियों को आसानी से भागने से रोकने के लिए हथकड़ी लगाने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।
यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया कि राज्य जांच आयोग की रिपोर्ट में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बीएस चौहान की सिफारिशों को अक्षरश: लागू करने के लिए सभी कदम उठा रहा है। इसमें यह भी कहा गया कि सरकार सुरक्षा खामियों पर गौर कर रही है और कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
उत्तर प्रदेश शासन एवं पुलिस मुख्यालय स्तर पर प्रदेश के 66 माफिया अपराधियों को चिन्हित
रिपोर्ट में कहा गया है कि वह सुरक्षा चूक की भी जांच कर रही है जिसके कारण 3 हमलावर पुलिस घेरे से बाहर निकले और अतीक अहमद और अशरफ पर गोलीबारी की। संबंधित एसीपीएस की प्रथम दृष्टया रिपोर्ट के आधार पर, घटनास्थल पर मौजूद पुलिस अधिकारियों में से 4 और पीएस शाहगंज के SHO, जिनके अधिकार क्षेत्र में घटना हुई थी, को अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू होने तक निलंबित कर दिया गया है। राज्य सरकार ने कहा कि वह 15 अप्रैल को अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की मौत की गहन, निष्पक्ष और समय पर जांच सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
राज्य सरकार ने कहा कि उत्तर प्रदेश शासन एवं पुलिस मुख्यालय स्तर पर प्रदेश के 66 माफिया अपराधियों को चिन्हित कर उनके विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही की जा रही है।