Samajwadi Party : उत्तर प्रदेश के संभल में फैली हिंसा की जांच करने के लिए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने टीम का गठन किया है। इस टीम में यूपी विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे, नेता प्रतिपक्ष विधान परिषद लाल बिहारी यादव, राज्यसभा सदस्य जावेद अली, लोकसभा सदस्य हरेन्द्र मलिक, रुचि वीरा, जियाउर्रहमान बर्क, नीरज मौर्य, पूर्व मंत्री एवं कांठ विधायक कमाल अख्तर, संभल विधायक नवाब इकबाल महमूद, असमोली विधायक पिंकी यादव, मुरादाबाद के जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह यादव, बरेली के सपा जिला अध्यक्ष शिवचरण कश्यप शामिल हैं। ये सभी आज संभल जाकर पूरे मामले की जांच-पड़ताल करेंगे।
नेताओं को किया गया नजरबंद
जयवीर सिंह ने बताया कि संभल हिंसा की जानकारी लेकर संयुक्त रिपोर्ट बनाई जाएगी। रिपोर्ट पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को सौंपी जाएगी। संभल में पहले से बाहरी व्यक्तियों की एंट्री पर रोक लगी है। लिहाजा, अखिलेश के इस पत्र के बाद डीएम संभल ने संबंधित जनपदों के कप्तानों से बात की, जिसके बाद प्रतिनिधिमंडल में शामिल नेताओं को उनके घर पर नजरबंद किया गया है। इससे कोई सुबह संभल के लिए निकलने ना पाए।
हिंसा सुनियोजित थी
अब तक की जांच में पता चला है कि जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर रविवार को भड़की हिंसा सुनियोजित थी। घायल सीओ, डिप्टी कलेक्टर व पुलिसकर्मियों द्वारा सोमवार को 3750 से अधिक लोगों के खिलाफ सात अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। दरोगा दीपक राठी द्वारा प्राथमिकी में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल व 800 से अधिक अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है। जामा मस्जिद के सदर जफर अली समेत 200 से अधिक लोगों को हिरासत में लिए गए हैं।
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