अखिलेश ने पिता मुलायम की चिता के पास ही गुजारी पूरी रात, परिवार ने फिर बढ़ाया हौसला - Punjab Kesari
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अखिलेश ने पिता मुलायम की चिता के पास ही गुजारी पूरी रात, परिवार ने फिर बढ़ाया हौसला

समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का तीन पहले निधन हो गया था, जिसके बाद उनका अंतिम

समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का तीन पहले निधन हो गया था, जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार सैफई में किया गया। इस दौरान अखिलेश यादव के साथ पूरा यादव परिवार दिखाई दिया था। सभी एक दूसरे की हिम्मत बनने की कोशिश कर रहे थे। अब खबर आ रही कि पिता के निधन के बाद अखिलेश काफी चुप रह रहे है और उन्होंने पिता की चिता के पास ही पूरी रात गुजारी। काफी देर वह खामोशी से खड़े भी रहे। 
पिता को यादकर भावुक हुए अखिलेश 
वही, जब सुबह हुई तो परिवार दिवंगत आत्मा की शांति के लिए अनुष्ठान में शामिल होने के लिए मौके पर पहुंचा था। बीते दिन भी अखिलेश ने ट्ववीट कर अपने पिता को याद किया था। दरअसल, अखिलेश ने लिखा – “आज पहली बार लगा। बिन सूरज के उगा सवेरा।” ट्ववीट के साथ अखिलेश ने दो तस्वीरें शेयर की है। एक तस्वीर में वो पिता मुलायम सिंह यादव की चिता के सामने हाथ जोड़े खड़े हैं, जबकि दूसरी तस्वीर में मुलायम सिंह यादव की चिता जलने के बाद राख दिख रही है। उनके इस ट्ववीट को काफी रीट्वीट किया जा रहा है। 
अखिलेश ने किया ट्वीट 
बता दें, मुलायम के जाने के बाद अखिलेश यादव को सपा की कमान पूरी तरह से संभालनी है। उनके सामने कई चुनौतियां है, जिसे उन्हें पार करना है। अखिलेश के सामने यादव परिवार को एकजुट रखने के साथ-साथ सपा के सियासी आधार और मुलायम के एम-वाई समीकरण को अपने कण्ट्रोल में रखने की बड़ी जिम्मेदारी है। अखिलेश के सामने आगे ऐसी कई चुनौतियां आने वाली है, जिसे नेताजी ने बड़े बखूबी से संभाल रखा था। अब देखना ये है कि अखिलेश यादव इन जिम्मेदारियों को कैसे निभाते है। 
परिवार को साथ रखना होगा कठिन 
बता दें, अखिलेश के सामने सबसे पहली बड़ी जिम्मेदारी है कि वो परिवार को कैसे एकजुट रखते है। क्योंकि परिवार के दर्जनभर सदस्य राजनीति से जुड़े हुए है। कुछ की राहें अलग है, जिस वजह से उनलोगों के बीच तकरार और मनमुटाव होते रहता है। जब तक नेताजी थे सभी एक धागे में बंधे थे। अब वो नहीं है तो सभी आजाद है। सबसे पहले बात शिवपाल यादव से करे तो वो अखिलेश के चाचा जरूर है, लेकिन अखिलेश उन्हें सियासी तौर पर साथ लेकर चलने के लिए राजी नहीं है, जबकि चाचा के साथ उनके पारिवारिक रिश्ते अच्छे है। 

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