उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर बड़ा आरोप लगाया। अखिलेश ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने सत्ता की लालसा में लोकतंत्र की हत्या कर दी है। अखिलेश ने पंचायत अध्यक्षों के नामांकन को अलोकतांत्रिक तरीके से रोके जाने से चुनाव की निष्पक्षता एवं पवित्रता नष्ट हुई है।
यादव ने रविवार को कहा कि वाराणसी एवं गोरखपुर में जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव में भाजपा बुरी तरह पराजित हुई थी, ऐसे में उनके अध्यक्षों का निर्विरोध निर्वाचन एक चमत्कार से कम नहीं है। धन बल-छल बल और सत्ता बल का ऐसा अनैतिक खेल सत्ता लोलुप भाजपा ने खेलकर साबित कर दिया है कि वह जनादेश का सम्मान करना नहीं चाहती है, उसका इरादा उसको कुचलने का रहता है।
उन्होने कहा कि वास्तव में भाजपा ने पिछले साढ़ चार वर्षों में जनता को हर कदम पर धोखा दिया है। जनसामान्य के उपयोग की सभी वस्तुएं इस भाजपा राज में मंहगी हुई है। कानून व्यवस्था ध्वस्त हुई है। कोरोना संक्रमण में हजारों जाने गईं और इलाज, दवा के अभाव में लोग तड़पते रहे।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान अपनी मांगो को लेकर आंदोलनरत हैं। भाजपा सरकार किसानों की मांगों पर विचार करने के बजाय उन्हें अपमानित कर रही है। नौजवानों के पास नौकरी और रोजगार नहीं है। प्रदेश में विकास परियोजनाएं ठप्प हैं। भाजपा सबसे बदला लेने के काम में लगी है। चारों तरफ भ्रष्टाचार का बोलबाला है। भाजपा के अंधेर राज में कालाधन का चलन चरम पर है।
उन्होने कहा कि भाजपा नेतृत्व और उसकी सरकार की राजनीति सत्ता के इर्द-गिर्द ही घूमती है। जनहित और नैतिक मूल्यों के प्रति उसकी दिलचस्पी नहीं दिखती है जबकि समाजवादी पार्टी लोकतंत्र और विकास के लिए प्रतिबद्ध है। भाजपा का चरित्र संविधान की रक्षा की शपथ और लोकतंत्री आचरण के विरुद्ध है। लोकतंत्र को नकारना भाजपा को बहुत मंहगा पड़गा। 2022 में जनता पूरा हिसाब लेगी।