उत्तर प्रदेश की प्रयागराज पुलिस ने ऐसा काम किया है, जिसकी हर कोई सरहाना कर रहा है। प्रयागराज जिले के रहने वाले हर्ष दुबे को कैंसर है। हर्ष के मनोबल को बढ़ने के लिए प्रयागराज पुलिस ने उसको एक दिन के लिए जिले का अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) बनाया। इसके साथ ही हर्ष को एक बॉडी किट भेंट की गई।
एडीजी की कुर्सी पर बैठे 12 वर्षीय ने पुलिस की कार्यप्रणाली के बारे में सवाल पूछे और दस्तावेजों को भी खंगाला। इसके साथ ही ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारियों ने भी उन्हें सलामी दी। शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने छोटे एडीजी के साथ तस्वीरें खिंचवाईं।
ई-रिक्शा चालक हैं हर्ष के पिता
हर्ष के पिता संजय दुबे ई-रिक्शा चालक हैं। जब उन्होंने देखा कि उनका बेटा एडीजी की कुर्सी पर बैठा है तो एडीजी प्रेम प्रकाश ने कहा, “जब मुझे शहर में कैंसर रोगियों की मदद करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं के माध्यम से कैंसर से पीड़ित 12 वर्षीय लड़के की दुर्दशा के बारे में पता चला, तो मैंने नाबालिग लड़के का मनोबल बढ़ाने के उपाय करने का फैसला किया।”
हर्ष ने अपने कार्यालय में एडीजी रैंक के पुलिस अधिकारियों द्वारा किए जाने वाले सभी कार्य किए। उनके पिता ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों, उनके बेटे का इलाज करने वाले डॉक्टरों की टीम और सामाजिक कार्यकर्ता पंकज रिजवानी को उनके बेटे को सकारात्मक वाइब्स और तेजी से ठीक होने के लिए प्रोत्साहित करने के प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया।
डॉक्टरों की टीम ने भी बच्चे को पूर्ण चिकित्सा सहायता का आश्वासन दिया। कमला नेहरू अस्पताल के वरिष्ठ ऑन्कोलॉजिस्ट और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित बी. पॉल, जो लड़के का इलाज भी कर रहे हैं, उन्होंने कहा, “कैंसर के रोगियों में धैर्य और साहस होना चाहिए। कैंसर को एक लाइलाज बीमारी कहा जाता है, लेकिन अगर सही समय पर सही उपचार की पेशकश की जाए तो रोगी, इसे ठीक किया जा सकता है।”