कर्नाटक के चिक्काबल्लापुरा जिले में मच्छरों की एक प्रजाति में जीका वायरस मिला है। जिसके बाद तेज बुखार वाले मरीजों के खून के नमूने जांच के लिए राषट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान भेजे गए है। गुरुवार को एक अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है।
बता दें, राज्य में 68 अलग-अलग जगहों पर जीका वायरस के लिए मच्छरों की जांच की गई। यह वायरस चिक्काबल्लापुर जिले के एक मच्छर में पाया गया था। जहां से 6 स्थानों से नमूने लिए गए थे। स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि नमूने अगस्त में जांच के लिए भेजे गए थे। नतीजे 25 अक्टूबर को आए। टालकेबेटा के 5 किलोमीटर के दायरे में अलर्ट जारी कर दिया गया है, जहां से सैंपल लिया गया था।
आईएएनएस की एक रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने 30 गर्भवती महिलाओं और बुखार के लक्षणों वाले सात व्यक्तियों के रक्त के नमूने एकत्र किए हैं और उन्हें परीक्षण के लिए बेंगलुरु भेजा है। नमूने तालाकायला बेट्टा गांव के पांच किलोमीटर के दायरे में स्थित गांवों से एकत्र किए गए थे। स्वास्थ्य अधिकारी क्षेत्र के लगभग 5,000 लोगों पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं।
वहीं इस मामले पर कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा, किसी भी व्यक्ति में जीका वायरस की पुष्टि नहीं हुई है। जीका वायरस से डरे नहीं। हम स्थिति पर नजर रखेंगे। कुछ लोगों में बुखार जैसे कुछ लक्षण दिख रहे थे। उन्हें अस्पताल में रखा गया है और जांच की गई है। आगे उन्होंने कहा कि हमें केवल गर्भवती महिलाओं पर सावधानी बरतने की जरूरत है। मैं अनुरोध करता हूं लोगों को इसको लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। हमारा विभाग पूरी तरह से इस पर नजर रख रहा है।
Zika virus was detected in mosquitoes of Talakayalabetta in Sidlaghatta taluk of Chikkaballapur district. The test was conducted in 68 places across Karnataka. Health department officials have held a special meeting and chalked out a plan to take necessary precautionary measures…
— Dinesh Gundu Rao/ದಿನೇಶ್ ಗುಂಡೂರಾವ್ (@dineshgrao) November 2, 2023
जीका वायरस क्या है?
बता दें, जीका वायरस मच्छरों के काटने से फैलने वाली यह बेहद घातक बीमारी है। इसमें बुखार, लाल चकत्ते, जोड़ों और मासपेशियों में दर्द की शिकायत रहती है। इसके अन्य लक्षणों में सिरदर्द, कंजेक्टिवाइटिस और बेचैनी भी होती है। अगर कोई गर्भवती महिला इससे संक्रमित होती है तो उसके बच्चे का दिमाग छोटा रह सकता है।
जीका वायरस से बचाव
WHO का कहना है, जीका वायरस संक्रमण में व्यक्ति को अच्छे से आराम करना चाहिए और लगातार पानी पीते रहना चाहिए। इसके पीछे तर्क यह है कि अधिक मात्रा में पानी पीने से शरीर हाइड्रेटेड रहता है और आराम करने से शरीर को ऊर्जा मिलती है। साथ ही इस वायरस के संक्रमण के लक्षणों और इलाज के बारे में जागरूकता जरूरी है। जीका वायरस आमतौर पर इंसान के शरीर में एक सप्ताह तक जीवित रहता है।