यासीन मलिक के SC में पेश होने से मची खलबली, तुषार मेहता ने केंद्रीय गृहसचिव को लिखा पत्र - Punjab Kesari
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यासीन मलिक के SC में पेश होने से मची खलबली, तुषार मेहता ने केंद्रीय गृहसचिव को लिखा पत्र

सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) प्रमुख यासीन मलिक की व्यक्तिगत पेशी पर नाराजगी जताई।

सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) प्रमुख यासीन मलिक की व्यक्तिगत पेशी पर नाराजगी जताई. साथ ही कहा कि जब कोई आदेश पारित नहीं हुआ तो उन्हें यहां क्यों लाया गया है। यासीन मलिक की सुप्रीम कोर्ट में पेशी पर केंद्र सरकार ने भी चिंता जताई. दरअसल, मलिक को तिहाड़ जेल अधिकारियों द्वारा कड़ी सुरक्षा के बीच सुप्रीम कोर्ट लाया गया था। सुप्रीम कोर्ट जम्मू कोर्ट के आदेश के खिलाफ सीबीआई की याचिका पर सुनवाई कर रहा था।
बता दे कि सुप्रीम कोर्ट के जज शुक्रवार को उस समय यह देखकर दंग रह गए जब उन्होंने जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के कमांडर यासीन मलिक को व्यक्तिगत रूप से सामने मौजूद पाया। यासीन मलिक आतंकी फंडिग मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है। वह कोर्ट में अपने खिलाफ अपहरण और हत्या के मामलों की सुनवाई के लिए विशेष जम्मू अदालत के आदेश के खिलाफ सीबीआई द्वारा दायर अपील के लिए पेश हुआ था।
जस्टिस दीपांकर दत्ता और सूर्यकांत की पीठ ने मामले की सुनवाई से खुद को अलग किया
जस्टिस दीपांकर दत्ता और सूर्यकांत की पीठ ने मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया और इसे चार सप्ताह (एक महीने) के लिए टाल दिया। जाहिर तौर पर, मलिक ने जेल अधिकारियों को बताया था कि वह इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में पेश होना चाहता है।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में मलिक की मौजूदगी पर जताई आपत्ति 
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में मलिक की मौजूदगी पर आपत्ति जताई और कहा कि अदालत द्वारा ऐसा कोई आदेश पारित नहीं किया गया था कि यासीन मलिक को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश किया जाना चाहिए, यह सुरक्षा के लिए एक बड़ा मुद्दा है। उन्होंने यासीन मलिक को अनुमति देने के लिए अदालत में मौजूद जेल अधिकारियों के प्रति असहमति व्यक्त की और पीठ को बताया कि मलिक को जेल से बाहर नहीं लाया जा सकता क्योंकि आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 268 उस पर लागू होती है।
तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाएगी कि मलिक को फिर से जेल से बाहर न जाने दिया जाए। सीबीआई की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने बेंच को बताया कि सुप्रीम अदालत के आदेश की गलत व्याख्या करने पर जेल अधिकारियों की ओर से मलिक को जेल से बाहर लाया गया।
जनरल तुषार मेहता ने केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को लिखा पत्र 
बता दे कि इस प्रकरण में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को पत्र लिखा है। उन्होंने इसे बड़ी सुरक्षा चूक बताया। मेहता ने इस पर कार्रवाई की मांग की कि अलगाववादी नेता को अदालत से उनकी उपस्थिति की गारंटी देने वाले किसी आदेश या प्राधिकरण के अभाव में बाहर निकलने की अनुमति कैसे दी गई?
सॉलिसिटर जनरल ने गृह सचिव से इस मामले को गंभीरता से लेने और उचित कार्रवाई करने का आग्रह किया क्योंकि मलिक कोई सामान्य व्यक्ति नहीं है, बल्कि आतंक और अलगाववादी पृष्ठभूमि वाला व्यक्ति है, जिसे पिछले साल आतंकी फंडिंग मामले में दोषी ठहराया गया था। उन्होंने पाकिस्तान में आतंकवादी संगठन से जुड़े होने के कारण दोषी के भागने, जबरन ले जाने या मारे जाने की संभावना से इनकार नहीं किया।
आपको बता दे कि जम्मू की विशेष अदालत ने चार भारतीय वायुसेना कर्मियों की हत्या और 1989 में तत्कालीन जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के अपहरण के दो मामलों में गवाहों से पूछताछ के लिए मलिक की उपस्थिति की मांग की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल में इस मामले में नोटिस जारी किया था और मलिक की व्यक्तिगत उपस्थिति के निर्देश देने वाले आदेशों पर रोक लगा दी थी।
रुबैया सईद का 1989 को श्रीनगर के लाल देद अस्पताल के पास से अपहरण कर लिया गया था
रुबैया सईद का आठ दिसंबर, 1989 को श्रीनगर के लाल देद अस्पताल के पास से अपहरण कर लिया गया था। भाजपा समर्थित वीपी सिंह नीत तत्कालीन केंद्र सरकार द्वारा पांच आतंकवादियों को रिहा किए जाने के बाद रुबैया को आतंकवादियों ने मुक्त कर दिया था।
सीबीआई ने 1990 की शुरुआत में मामले की जांच को अपने हाथों में लिया
अब तमिलनाडु में रह रही रुबैया को सीबीआई ने अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में सूचीबद्ध किया है। सीबीआई ने 1990 की शुरुआत में मामले की जांच को अपने हाथों में ले लिया था।
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआई) की विशेष अदालत द्वारा पिछले साल मई में सजा सुनाए जाने के बाद से 56 वर्षीय मलिक तिहाड़ जेल में बंद है। उसे 2017 के आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराने के एनआई के एक मामले में 2019 में गिरफ्तार किया गया था।

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