संसद का शीतकालीन सत्र नवंबर महीने के 5वें सप्ताह में शुरू होने की उम्मीद है। सूत्रों के अनुसार, शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होकर 23 दिसंबर तक चलेगा। 25 दिनों तक चलने वाले इस सत्र में कोविड-19 प्रोटोकाल का सख्ती से पालन किया जाएगा।
कोविड-19 महामारी के कारण 2020 में संसद का शीतकालीन सत्र आयोजित नहीं किया गया था। महामारी के कारण बजट और मानसून सत्र में भी कटौती हुई। हालांकि शीतकालीन सत्र को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है लेकिन सूत्रों की रिपोर्ट के अनुसार, सत्र 29 नवंबर से शुरू हो सकता है और 23 दिसंबर के आसपास समाप्त हो सकता है।
इन मुद्दों पर विपक्ष के निशाने पर आएगी मोदी सरकार
पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों से पहले होने वाले शीतकालीन सत्र में विपक्षी दल केंद्र सरकार को बुरी तरह घरने वाली है। कांग्रेस समेत सम्पूर्ण विपक्ष कृषि कानूनों, लखीमपुर खीरी हिंसा, ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी, खाद्य तेल की कीमतों में वृद्धि और कश्मीर में गैर-मुसलमानों पर हुई हमलों को लेकर केंद्र को कटघरे में खड़ा करने वाली है।
दो महत्वपूर्ण वित्त विधेयक पेश कर सकती है सरकार
मोदी सरकार बजट में वित्त मंत्री की ओर से घोषित सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण की सुविधा के लिए प्रस्तावित कानून सहित वित्तीय क्षेत्र के दो प्रमुख विधेयक पेश कर सकती है। इसके अलावा सरकार सार्वभौमिक पेंशन कवरेज सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली ट्रस्ट (NPS) को पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण PFRDA से अलग करने में सक्षम बनाने के लिए पीएफआरडीए अधिनियम, 2013 में संशोधन कर सकती है।