UPA की जगह INDIA बनाने की ज़रूरत क्यों पड़ी? ममता बनर्जी ने बताई सारी बात - Punjab Kesari
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UPA की जगह INDIA बनाने की ज़रूरत क्यों पड़ी? ममता बनर्जी ने बताई सारी बात

“INDIA” ये वो नाम बनाए जो 2004 में गठन हुए UPA से काफी मिलता जुलता था. लेकिन सवाल

देश के लिए 26 जुलाई का दिन काफी ऐतिहासिक दिन रहा. जहां एक तरफ दिल्ली में NDA के 25 साल पुरे होने पर उसे नया नाम दिया गया. वहीँ कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में 26 विपक्ष दलों के गठबंधन को एक नया नाम दिया गया. 26 को हुए इस बैठक के बाद ही ब्कोंग्रेस्स पार्टी के अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खड़गे ने गठबंधन दल का नया नाम एलान किया. “INDIA” ये वो नाम बनाए जो 2004 में गठन हुए UPA से काफी मिलता जुलता था. लेकिन सवाल अब ये उठता है की जब UPA थी ही तो विपक्ष को नए गठबंधन INDIA की क्या ज़रूरत पड़ी? चलिए जानते हैं पूरी बात. 
10 सालों में विपक्ष की बिगड़ी हालत !
26 दलों की महागठबंधन का नाम जैसे ही एलान हो गया उसी वक़्त यूपीए किसी ऐतिहासिक पैन में जाकर दफ़न हो गया. नए गठबंधन की और अगर एक बार नज़र दाल जाये तो इसमें ऐसे दलों के नाम भी शामिल है जो की यूपीए-1, यूपीए-2 और युपीए-3 सरकार में शामिल थे.कांग्रेस ने साल 2024 में 12 पार्टियों को मिलकर यूपीए का गठन किया था. उस वक़्त कांग्रेस की हालत भी काफी मजबूत दिखाई दे रही थी. बता दें की 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 26.5 वोट शेयर के साथ 145 सीटों पर विजय प्राप्त हुई थी. उस वक़्त कांग्रेस काफी बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. 
यूपीए हुआ पूरी तरह से ख़त्म-ममता बनर्जी 
2009 में 206 सीटों पर कांग्रेस ने जीतकर इतिहास के पन्नो में अपना नाम शामिल कर लिया था. अगर देखा जाए तो 2009 के बाद से लेकर 2019 तक कांग्रेस को भारी हार का सामना करना पड़ा है. इन 10 सालों में कांग्रेस  या फिर उसके द्वारा गठन किये यूपीए की हालत काफी खराब दिखी है. बता दें की यूपीए-2 की सरकार में शामिल तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने एक बयान दिया है जिसमे उन्होंने कहा है की यूपीए अब पूरी तरह से खत्म हो चुका है. और यही वजह रही है की  पार्टियों को एक साथ लाने के लिए नितीश कुमार को ये पहल करनी पड़ी.

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