छह साल में अब तक कितने जजों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया, ऐसी क्या वजह रही जो न्यायाधीशों ने अपने पद से इस्तीफा दिया, अगर बात करे तो बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस रोहित देव ने 4 अगस्त को इस्तीफा दे दिया, इस्तीफे की घोषणा के वक्त मौजूद एक वकील के अनुसार, जस्टिस देव ने इस्तीफा देने के पीछे की वजह नहीं बताई है, लेकिन उन्होंने कहा कि वह अपने आत्म सम्मान के विरुद्ध कार्य नहीं कर सकते, 2025 में वह रिटायर होने वाले थे, रिटायरमेंट से पहले ही पद छोड़ने वालों में जस्टिस राहुल देव 12वें जज हैं, साल 2017 से अभी तक 12 जज अलग-अलग वजह बताकर कर अपने पद को छोड़ चुकें है।
सेवा पूरी होने से पहले ही पद छोड़ने के पीछे जजों के अपने अलग-अलग कारण रहे है, कुछ इस्तीफे खुद की मर्जी से दिए गए थे, तो वहीं कुछ जजों ने सेवा के दौरान विशेष परिस्थितियों में इस्तीफा दे दिया, जबकि कई ने दूसरी हाईकोर्ट में तबादला या चीफ जस्टिस के तौर पर प्रोमोशन लेने से इनकार करते हुए पद छोड़ने का निर्णय किया।
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, 2017 से अब तक 12 जज रिटायर होने से पहले ही पद छोड़ चुके हैं और ऐसे सबसे ज्यादा मामले बॉम्बे हाईकोर्ट के सामने आए हैं,
यहां पद से इस्तीफा देने वाले जजों की लिस्ट
1 स्टिस जयंत पटेल (2017)
2 जस्टिस नक्का बालायोगी (2018)
3 जस्टिस ताहिलरमानी (2019)
4 जस्टिस अनंत बिजय सिंह (2020)
5 जस्टिस एससी धर्माधिकारी (2020)
6 जस्टिस संगीता धींगरा सेहगल (2020)
7 जस्टिस सुनील कुमार अवस्थी (2021)
8 जस्टिस दामा शेशाद्री नायडू (2021)
9 जस्टिस शरद कुमार गुप्ता (2021)
10 जस्टिस अज तिवारी (2022)
11 जस्टिस चंद्र भूषण बारोवालिया (2022)
12 जस्टिस रोहित देव (2023)
जस्टिस पाटिल ने 2017 में इलाहाबाद हाईकोर्ट में तबादला की वजह से इस्तीफा दे दिया था, उस समय वह कर्नाटक हाईकोर्ट में दूसरे सबसे बड़े जज थे, वह इस बात से नाराज थे, कि उन्हें कर्नाटक हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस या कार्यकारी चीफ जस्टिस के तौर पर नियुक्त किए जाने के जगह उनका ट्रांसफर कर दिया गया, जस्टिस नक्का बालायोगी ने हैदराबाद में हाईकोर्ट में स्थाई जज बनाए जाने के एक साल बाद इस्तीफा दे दिया था, राष्ट्रपति ने उनका इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया, लेकिन इसके प्रभावी होने से पहले ही उन्होंने इस्तीफा वापस ले लिया और 2019 तक पद पर रहे।