जगन्नाथ मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पंक्ति व्यवस्था शुरू करने के खिलाफ एक सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन के 12 घंटे के बंद के दौरान बुधवार को यहां भड़की हिंसा में 10 पुलिसकर्मियों सहित करीब 30 लोग घायल हो गये।
पुलिस द्वारा श्री जगन्नाथ सेना के संयोजक प्रियदर्शन पटनायक को एहतियातन हिरासत में लिये जाने के बाद संगठन की ओर से आयोजित बंद हिंसक हो गया।
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सोमवार से प्रायोगिक आधार पर पुरी मंदिर में पंक्ति व्यवस्था लागू किये जाने के तुरंत बाद ही संगठन ने बंद की घोषणा की थी। इस पर जोर देते हुए कि बंद अभी और तेज होगा, पटनायक ने कहा कि जिस तरीके से नई प्रणाली शुरू की गई है, इससे बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हो रही हैं।
श्री जगन्नाथ सेना के कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों ने पटनायक को तुरंत छोड़ने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। उन्होंने कई जगहों पर टायर जला कर जगन्नाथ मंदिर के सामने बड़ा डंडा को भी अवरूद्ध कर दिया।
पुलिस ने बताया कि 12वीं सदी में बने मंदिर में भीड़ घुस गयी। भीड़ ने बैसी पहाचा और सिंहद्वार के नजदीक लगे बैरिकेडों को हटा दिया और श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के कार्यालय में तोड़फोड़ की।
उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने एक पुलिस चौकी और सिंहद्वार के नजदीक एक सूचना केन्द्र में भी तोड़फोड़ की। इसके बाद टायरों को जला दिया गया और पथराव किया गया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पथराव में नौ पुलिसकर्मी घायल हो गये जबकि भीड़ के हमले में कई ढांचों को व्यापक नुकसान पहुंचा। इसके कारण स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा।