उच्चतम न्यायालय सोमवार को भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को अवमानना के एक मामले में सजा सुना सकता है। माल्या नौ हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के बैंक कर्ज घोटाले का आरोपी और बंद पड़ चुकी किंगफिशर एयरलाइन्स का पूर्व प्रमुख है।
सुप्रीम कोर्ट ने कही यह बड़ी बात
भारत के प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित और न्यायमूर्ति एस. रविंद्र भट की एक पीठ ने माल्या के विरुद्ध अवमानना के मामले में सजा सुनाने पर 10 मार्च को अपना आदेश सुरक्षित कर लिया था और कहा था कि आरोपी के विरुद्ध कार्यवाही “अंधकारमय रास्ते पर पहुंच गई” है।शीर्ष अदालत ने अवमानना के कानून के विभिन्न पहलुओं तथा सजा पर वरिष्ठ अधिवक्ता और न्याय मित्र जयदीप गुप्ता की दलीलों को सुना और माल्या के वकील अंकुर सैगल को एक अंतिम अवसर प्रदान किया ताकि वह सजा सुनाए जाने पर लिखित में अपनी दलील दे सकें।
हमें बताया गया है कि कुछ कार्यवाही ब्रिटेन में चल रही है- SC
पीठ ने अपने आदेश में कहा था, “वकील अंकुर सैगल को अपनी दलील रखने को कहा गया था लेकिन उन्होंने इसके लिए अपनी अक्षमता जाहिर की है, फिर भी हम उन्हें 15 मार्च 2022 तक अपनी दलील रखने का मौका देते हैं। इसकी एक प्रति न्याय मित्र को दी जाए। आदेश सुरक्षित रखा जाता है।”माल्या के वकील ने कहा था कि उनके मुवक्किल मौजूद नहीं हैं और ब्रिटेन में हैं इसलिए वह कुछ नहीं कर सकते इसलिए अवमानना के मामले में सजा सुनाए जाने पर बहस नहीं कर सकते। पीठ ने कहा था, “हमें बताया गया है कि कुछ कार्यवाही ब्रिटेन में चल रही है। यह एक अंधकारमय रास्ते जैसी स्थिति है, कुछ है जिसकी जानकारी हमें नहीं है। कितने मामले हैं] हम नहीं जानते। जहां तक हमारे क्षेत्राधिकार का सवाल है, तो इस तरह हम कब तक चलते रहेंगे।”