गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला ने मोदी सरकार पर चुनाव पूर्व किये गये वादे पूरे नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि वह अगले चुनाव मे इस सरकार को दोबारा सत्ता मे आने से रोकने के लिए भाजपा विरोधी सभी दलों का बिना शर्त समर्थन करेंगे।
वाघेला ने कहा कि मैं किसी एक दल से नहीं हूँ, अब मै सिर्फ़ भाजपा विरोधी हूँ। मै अगले चुनाव के दौरान सभी दलों में अपने सम्बंधों का इस्तेमाल मोदी सरकार को अपदस्थ करने मे करूँगा।
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उन्होंने कहा कि चार साल पहले भाजपा 100 स्मार्ट सिटी, हर खेत को पानी, हर साल दो करोड़ नौकरी देने जैसे बड़े बड़े वादे करके सत्ता में आयी थी लेकिन साढ़े चार साल मे इस सरकार ने सिवाय नोटबंदी के कोई काम नहीं किया।
कांग्रेस के पूर्व नेता वाघेला गुजरात में पिछली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष थे। उन्होंने दिसंबर 2017 में गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले जुलाई में कांग्रेस छोड़कर अपनी नयी पार्टी जनविकल्प मोर्चा का गठन किया था। हालांकि उनकी पार्टी को विधानसभा चुनाव में एक भी सीट पर कामयाबी नहीं मिल सकी।
वाघेला ने कहा “मै गुजरात मॉडल को कीचड़ मॉडल कहता हूँ, जिससे निकला कमल सत्ता के रूप मे भाजपा के पास आ जाता है और कीचड़ जनता के पास रह जाता है। यही मॉडल इस सरकार ने पूरे देश मे पेश कर जनता को बदहाल कर दिया है।”
उन्होंने मोदी सरकार पर राफ़ेल सौदे मे रिलायंस जैसी दिवालिया कंपनी को साझेदार बनाने का आरोप लगाते हुए कहा “जिस तरह बोफ़ोर्स से मिला कुछ नहीं था, सिर्फ़ एक चेहरा निकला था वी पी सिंह का, जिसे सबका समर्थन मिला था। वैसे ही इस बार देखना होगा कि राफ़ेल से क्या निकलता है।”
अपनी चुनावी रणनीति के सवाल पर वाघेला ने कहा “मेरा सभी दलों से आह्वान है कि देश के व्यापक हित मे ऐसी समझदारी से चुनाव लड़े जिससे जनता मौजूदा सरकार को नकार दे। इसके लिए स्थायी सरकार दे सकने वाले संयुक्त गठबंधन की पहल होनी चाहिए।” ख़ुद चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी कुछ भी कहना जल्दबाज़ी होगी, समय आने पर वह इस बारे मे कोई फ़ैसला करेंगे।
वाघेला ने कहा “मेरा संदेश साफ़ है कि लोकसभा का चुनाव राज्यों की स्थानीय परिस्थिति के मुताबिक़ लड़ा जाए जिससे आपसी खींचतान मे एक भी मतदाता का वोट ख़राब न जाये और इसका लाभ भाजपा न उठा सके।”