भारत में अमेरिकी दूतावास में प्रभारी राजदूत एलिजाबेथ जोन्स ने शुक्रवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों को अमेरिका दो पूरी तरह से भिन्न नीतिगत मंचों के रूप में मानता है और दोनों एक दूसरे पर निर्भर नहीं हैं। भारत में सबसे वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिक ने पत्रकारों के एक समूह के साथ बातचीत में यह भी कहा कि, हाल ही में घोषित अमेरिकी वित्तीय पैकेज पाकिस्तान के एफ-16 लड़ाकू विमानों के रखरखाव के लिए था और यह बेड़े के उन्नयन (अपग्रेड) के लिए नहीं था। जोन्स ने कहा, भारत और पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों को अमेरिका दो पूरी तरह से भिन्न नीतिगत मंचों के रूप में देखता है और वे एक दूसरे पर निर्भर नहीं है या एक दूसरे से संबंधित नहीं है।
पाकिस्तान और भारत के बारे में भी बोले अमेरिकी राजदूत
जोन्स ने भारत और पाकिस्तान के संबंधों के बारे में कहा कि इस बारे में अमेरिका को टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘पाकिस्तान और भारत के संबंधों के संदर्भ में आपने जो मुद्दा पूछा है, उस पर अमेरिका टिप्पणी नहीं कर सकता।’’ पाकिस्तान से पैदा होने वाले आतंकवाद के बारे में पूछे जाने पर जोन्स ने कहा, मुझे लगता है कि इसका समाधान करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने कहीं भी होने वाले आतंकवाद के साथ-साथ किसी अन्य प्रकार के सुरक्षा खतरों को लेकर अपनी चिंताओं को साझा किया है।
26/11 आतंकवादी हमले से अमेरिका भी था भयभीत
मुंबई के 26/11 आतंकवादी हमले से जुड़े एक अन्य प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि, अमेरिका हमले से भयभीत था। उस हमले में मारे गए लोगों में अमेरिकी नागरिक भी शामिल थे। उन्होंने कहा, अमेरिकी सरकार ने इसके उचित नतीजों पर विचार करने के लिए भारत और पाकिस्तान की सरकारों के साथ काफी समय बिताया है। जोन्स ने कहा कि, अंतरराष्ट्रीय समुदाय आतंकवादी संगठनों को मिलने वाली वित्तीय सहायता बंद करने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।