निर्भया मामले के दोषियों के न्यायिक प्रणाली का मजाक बनाने से खफा केंद्रीय मंत्री बोली - इसे रोकने की जरूरत - Punjab Kesari
Girl in a jacket

निर्भया मामले के दोषियों के न्यायिक प्रणाली का मजाक बनाने से खफा केंद्रीय मंत्री बोली – इसे रोकने की जरूरत

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने शनिवार को कहा कि उन्हें इस बात पर गुस्सा आता है कि निर्भया

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने शनिवार को कहा कि उन्हें इस बात पर गुस्सा आता है कि निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के दोषी विलंब की तरकीबें अपनाकर ‘‘न्याय का मजाक’’ बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की चीजों को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की जरूरत है। 
वह पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र बलों की महिलाओं के लिए पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो द्वारा आयोजित एक सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में बोल रही थीं। 
ईरानी ने कहा, ‘‘हमें एक कदम आगे जाने की आवश्यकता है, खासकर दोषसिद्धि की दर को लेकर…जो निर्भया मामले में देखा गया और यह हो रहा है।’’ 
उन्होंने कहा, ‘‘यह तथ्य कि बलात्कारी न्यायिक प्रणाली का मजाक बना सकते हैं, एक ऐसा तथ्य है जो मुझे बहुत ज्यादा क्रोधित करता है।’’ 
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की आवश्यकता है ताकि न्याय का इस तरह का मजाक आगे और न बनाया जा सके। 
दिल्ली की एक निचली अदालत ने नया मृत्यु वारंट जारी करते हुए निर्भया मामले के दोषियों- मुकेश सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह को 20 मार्च को सुबह साढ़े पांच बजे फांसी पर लटकाए जाने का निर्देश दिया है। 
दोषी सिलसिलेवार ढंग से याचिकाएं और दया याचिकाएं दायर कर फांसी की सजा के क्रियान्वयन में विलंब कराते रहे। उनकी तरकीबों के चलते मृत्यु वारंट अब तक तीन बार टाला जा चुका है, लेकिन अब उनके पास कोई कानूनी विकल्प नहीं बचा है। 
ईरानी ने गृह मंत्रालय के अधीन काम करने वाले पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो से आग्रह किया कि वह ऐसी प्रक्रियाएं तैयार करने में उनके मंत्रालय की मदद करे जिनसे कि विचाराधीन महिला कैदियों के बच्चों की मदद सुनिश्चित हो सके और ऐसे बच्चों को परेशानी न उठानी पड़े। 
मंत्री ने कहा, ‘‘घटित अपराध में इन बच्चों की कोई भूमिका नहीं होती और मैं पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो को अपने मंत्रालय की सेवाएं देना चाहूंगी जिससे कि इस संदर्भ में संयुक्त प्रयास किया जा सके क्योंकि यह समय की आवश्यकता है।’’ 
उन्होंने कहा कि इसी तरह के कदम विचाराधीन महिला कैदियों की स्थिति में सुधार के लिए उठाए जाने की आवश्यकता है। 
पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो महानिदेशक वीएसके कौमुदी ने कहा, ‘‘आपराधिक मनोवृत्ति के लोग इंटरनेट के जरिए महिलाओं को निशाना बनाने के लिए साइबर प्लैटफॉर्म का दुरुपयोग करते हैं।’’ 
उन्होंने कहा, ‘‘महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों की अकसर रिपोर्ट नहीं की जाती और रिपोर्ट की भी जाती है तो नतीजा दोषसिद्धि के रूप में नहीं निकलता।’’ 
कौमुदी ने कहा कि 2018 में महिला केंद्रित साइबर अपराधों में दोषसिद्धि की दर केवल 15.6 प्रतिशत रही। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।