केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने मंगलवार को कहा कि सरकार की अधिकृत सूचना इकाई पीआईबी को सोशल मीडिया मंचों पर फर्जी खबरों की निगरानी का अधिकार दिए जाने के प्रस्ताव पर अगले महीने सभी हितधारकों के साथ चर्चा की जाएगी।
2021 में संशोधन का एक प्रारूप जारी किया था
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री चंद्रशेखर ने ‘पत्र सूचना कार्यालय’ (पीआईबी) को सोशल मीडिया पर खबरों की तथ्यपरकता परखने के लिए सशक्त किए जाने के प्रस्ताव के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘हम अगले महीने की शुरुआत में इसपर अलग से चर्चा करेंगे।’’उनके मंत्रालय ने पिछले हफ्ते सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 में संशोधन का एक प्रारूप जारी किया था। इसमें सोशल मीडिया पर गलत, फर्जी या भ्रामक सामग्री की पहचान का जिम्मा पीआईबी या किसी अन्य सरकारी एजेंसी को देने का जिक्र है। इसे ऑनलाइन मीडिया के एक हिस्से ने सरकारी नियंत्रण की कोशिश बताया है।
PIB की तथ्य पड़ताल इकाई ने फर्जी या गलत पाया
प्रस्तावित संशोधन में सोशल मीडिया कंपनियों को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि इस तरह की सामग्री को अपलोड या प्रसारित न किया जाए जिसे पीआईबी की तथ्य पड़ताल इकाई ने फर्जी या गलत पाया है। पीआईबी की इस इकाई को अपने पोर्टल पर आम लोगों से भेजी गई शिकायतों के आधार पर या स्वतः संज्ञान लेकर संदिग्ध सामग्री की सचाई पता करनी होगी।
अधिसूचना जारी करने के लिहाज से तैयार
हालांकि, संपादकों की शीर्ष संस्था एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने एक बयान में इस प्रस्ताव पर गहरी चिंता जताई है। गिल्ड ने कहा कि फर्जी खबरों का निर्धारण सिर्फ सरकार के हाथ में नहीं सौंपा जा सकता है क्योंकि इसका नतीजा प्रेस को सेंसर करने के रूप में निकलेगा।इस बीच, चंद्रशेखर ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग के नियमन के लिए नियम 31 जनवरी तक अधिसूचित कर दिए जाएंगे। उसके बाद इसे संसद की मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा।इसके साथ ही उन्होंने कहा कि डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम को लेकर विचार-विमर्श की प्रक्रिया पूरी हो गई है। अब इसे अधिसूचना जारी करने के लिहाज से तैयार किया जा रहा है।