केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री बिश्वेश्वर टुडू ने पूर्वोत्तर राज्यों से जल जीवन मिशन (जेजेएम) का कार्यान्वयन पूरा करने को कहा है जिसका उद्देश्य मार्च 2024 से पहले हर ग्रामीण घर में नल के जरिये पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करना है। मंत्री ने जेजेएम और मंत्रालय के अन्य प्रमुख कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की समीक्षा के बाद कहा कि यदि राज्य सरकारें योजना में रुचि ले रही हैं तो काम को आगे बढ़ाना चाहिए।
टुडू ने शुक्रवार को यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘राष्ट्रीय स्तर पर जेजेएम का कार्यान्वयन 50 प्रतिशत से कम है और हम पूर्वोत्तर के सभी राज्यों के साथ-साथ अन्य राज्यों को भी योजना का कार्य मार्च, 2024 से पहले पूरा करने का सुझाव दे रहे हैं।’’
मिशन के कार्यान्वयन में होती देरी
उन्होंने कहा, ‘‘मेघालय में भी जेजेएम के तहत काम की प्रगति 50 प्रतिशत से कम है। राज्य में पहाड़ी क्षेत्र और संचार एवं परिवहन के मुद्दों के कारण बहुत सारी एजेंसियां इसमें रुचि नहीं लेती हैं और यहां काम करने में सहज महसूस नहीं कर रही हैं। इसके परिणामस्वरूप एक परियोजना के लिए निविदा प्रक्रिया को दो या तीन बार करने की आवश्यकता होती है जिससे मिशन के कार्यान्वयन में देरी होती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यदि संभव हो तो हम कुछ दिशानिर्देशों में ढील देंगे ताकि काम जारी रहे।’’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आवश्यक कागजात दिखाने में विफल रहने के लिए वह सरकारी अधिकारियों से खुश नहीं हैं।
हालांकि, बाद में अधिकारियों ने उनके द्वारा सुझाए गए सभी दस्तावेजों के साथ-साथ प्रस्तुतीकरण भी तैयार की। उन्होंने कहा, ‘‘यह पता लगाने की जरूरत है कि जेजेएम, अमृत और विकास बंधन योजना जैसी अन्य केंद्रीय योजनाओं को लागू करने में प्रक्रिया का पालन किया गया था या नहीं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह समीक्षा पहले नहीं की गई थी और राज्य सरकार के अधिकारी तैयार नहीं थे।’’