पीएम आवास योजना- शहरी के तहत केंद्र सरकार ने 3.61 लाख घरों के निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी दी - Punjab Kesari
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पीएम आवास योजना- शहरी के तहत केंद्र सरकार ने 3.61 लाख घरों के निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी दी

बेघर लोगों को आवास देने की योजना के तहत केंद्र सरकार ने 3.61 लाख घरों के निर्माण के

बेघर लोगों को आवास देने की योजना के तहत केंद्र सरकार ने 3.61 लाख घरों के निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी के तहत इन घरों के निर्माण के प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने हरी झंडी दिखाई है।
3.61 लाख घरों को निर्माण 
प्रधानमंत्री आवास योजना – शहरी की केंद्रीय मंजूरी और निगरानी समिति की मंगलवार को केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा की अध्यक्षता में हुई बैठक में पीएमएवाई-यू के अफोर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनरशिप , बेनिफिशरी-लेड कंस्ट्रक्शन , इन-सीटू स्लम रिडेवलपमेंट वर्टिकल के तहत इन 3.61 लाख घरों को निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। बैठक की अध्यक्षता करते हुए केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इन घरों के निर्माण से जुड़े तमाम मुद्दों का समाधान करने का भी निर्देश दिया ताकि तेजी से इन घरों का निर्माण कर 2022 तक ‘सभी के लिए आवास’ के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।
योजना में 7.52 लाख करोड़ रुपए की राशि खर्च
प्रधानमंत्री आवास योजना – शहरी के तहत स्वीकृत घरों की कुल संख्या अब 1.14 करोड़ हो गई है जिनमें से 89 लाख से अधिक घर निर्माण के लिए जमीन पर हैं और 52.5 लाख घरों को पूरा कर लाभार्थियों को वितरित किया जा चुका है। बेघरों को घर देने की इस योजना में 7.52 लाख करोड़ रुपए की राशि खर्च होनी है जिसमें से 1.85 लाख करोड़ रुपए की सहायता केंद्र सरकार ने दी है। अब तक, 1.13 लाख करोड़ रुपए केंद्र सरकार जारी कर चुकी है। मंगलवार को हुई सीएसएमसी बैठक में 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 3.74 लाख घरों में तब्दील होने वाली परियोजनाओं के संशोधन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। तेलंगाना और तमिलनाडु में अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स – मॉडल 2 – के तहत प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई।
एमआईएस कर्मियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित
पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिए बैठक में ई-वित्त मॉड्यूल को लॉंच करते हुए केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के सचिव ने कहा , ई-वित्त मॉड्यूल को किसी भी प्रकार की गलत सूचना को दूर करने के लिए एक विशिष्ट उद्देश्य के साथ लॉन्च किया गया है। अब, पारदर्शिता होगी, और सभी वित्तीय डेटा प्लेटफॉर्म पर कैप्चर किए जाएंगे। उन्होंने इस मॉड्यूल के शीघ्र कार्यान्वयन के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अधिकारियों और एमआईएस कर्मियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने का भी निर्देश दिया।

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