पिछले कुछ महीनों से यूसीसी का मुद्दा बढ़ता ही जा रहा है | जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्यप्रदेश के भोपाल में गए, तब से लेकर आज तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान पर गर्माहट छिड़ी हुई है, जिसमें उन्होंने खुद को यूसीसी के लिए संकल्पित बताया | जैसे ही यह बयान सामने आया वैसे ही राजनैतिक तौर पर गर्माहट छा गई और फिर चर्चा शुरू हुई पार्टियों को एकत्र करने की | जिसमें आम आदमी पार्टी से लेकर शिवसेना तक ने यूसीसी मुद्दे पर बीजेपी का साथ दिया है | लेकिन जब बात राकांपा प्रमुख की आई तो राकांपा प्रमुख ने भी अपना बयान दे दिया | आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राकांपा प्रमुख शरद पवार ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया | इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा अगर कुछ मुद्दों पर स्पष्टता दे दी जाए, तो राकांपा अपना रुख तय कर लेगी | यही नहीं उन्होंने कहा कि ऐसा भी हो सकता है कि यूसीसी सिर्फ ध्यान भटकाने के लिए हो, क्योंकि सत्ता से लोगों की नाराजगी है | बता दे कि देश में फिलहाल समान नागरिक संहिता एक बड़ा मुद्दा बन गया है। भाजपा, आप और जदयू सहित कुछ पार्टियां जहां इसका समर्थन कर रही हैं वहीं कुछ पार्टियां लगातार इसका विरोध भी कर रही हैं। यूसीसी को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का कहना है कि अगर कुछ चीजें स्पष्ट हो जाए तो हम अपना रुख तय कर सकते हैं।
क्या बोले शरद पवार?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया था | इस दौरान उन्होंने कहा कि कानून आयोग को यूसीसी पर 900 से अधिक मत प्राप्त हुए हैं | यहि नहीं उन्होंने कहा कि सरकार को सिख, जैन और ईसाई समुदाय का रुख भी जानना चाहिए। कहा जा रहा है कि सिखों का इस कानून को लेकर अलग रुख है। बिना सिख समुदाय के संज्ञान के यूसीसी पर अपना रुख नहीं बता सकता कि मैं बिल का समर्थन कर रहा हूं या उसका विरोध |
शरद पवार ने पहली बार स्वीकार किया कि साल 2019 में महाराष्ट्र में भाजपा के साथ सरकार बनाने के लिए बातचीत हुई थी, लेकिन बाद में जब उन्होंने अपना स्टैंड बदल दिया तो फिर भाजपा ने तड़के चोरी-छिपे मुख्यमंत्री पद की शपथ दिला दी। पवार ने कहा, भाजपा सत्ता के बिना नहीं रह सकती और सत्ता के लिए किसी के साथ जा सकती है। वहीं, उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, अभी आधा सच बाहर आया है। जल्द ही पूरा सच भी बाहर आएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा अगर कुछ मुद्दों पर स्पष्टता दी जाए तो राकांपा अपना रुख तय करेगी। उन्होंने कहा कि ऐसा भी हो सकता है कि यूसीसी सिर्फ ध्यान भटकाने के लिए हो, क्योंकि सत्ता से लोगों की नाराजगी है।