तोक्यो ने पैरालंपियन निशानेबाज के लिए ‘अतिरिक्त स्लॉट’ देने से किया इनकार, SC को बताया गया - Punjab Kesari
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तोक्यो ने पैरालंपियन निशानेबाज के लिए ‘अतिरिक्त स्लॉट’ देने से किया इनकार, SC को बताया गया

सुप्रीम कोर्ट को मंगलवार को बताया गया कि पैरालंपियन निशानेबाज नरेश कुमार शर्मा को “अतिरिक्त स्थान (स्लॉट) आवंटित

सुप्रीम कोर्ट को मंगलवार को बताया गया कि पैरालंपियन निशानेबाज नरेश कुमार शर्मा को “अतिरिक्त स्थान (स्लॉट) आवंटित करने से तोक्यो ने इनकार” कर दिया है। उच्चतम न्यायालय ने भारतीय पैरालंपिक्स समिति (पीसीआई) को निर्देश दिया था कि वह जापान में होने वाले आगामी पैरालंपिक्स में निशानेबाज को अतिरिक्त प्रतिभागी के तौर पर शामिल करे।
उच्चतम न्यायालय ने शर्मा को इस बात की छूट भी दी थी कि वह दिल्ली उच्च न्यायालय से अनुरोध करे कि एकल न्यायाधीश के फैसले के खिलाफ लंबित उसकी याचिका पर जल्द सुनवाई करें। एकल न्यायाधीश ने अपने आदेश में तोक्यो पैरालंपिक्स में चयन न होने को लेकर हस्तक्षेप से इनकार कर दिया था। तोक्यो पैरालंपिक्स 24 अगस्त से शुरू हो रहे हैं।न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने यह आदेश पारित किया।
इससे पहले शर्मा की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि यह एक अलग मामला है क्योंकि याचिकाकर्ता को “तोक्यो ने अतिरिक्त स्लॉट आवंटित करने से इनकार कर दिया है” क्योंकि दस स्थान थे – आठ पुरुषों के लिये और दो महिला प्रतिभागियों के लिये। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को पीसीआई को आदेश दिया था कि वह अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित पांच बार के पैरालंपियन निशानेबाज शर्मा का नाम आगामी तोक्यो खेलों के लिये अतिरिक्त प्रतिभागी के तौर पर तत्काल शामिल करे।
सिंह ने मंगलवार को शुरुआत में ही पीठ को बताया कि शर्मा की अपील दिल्ली उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ के समक्ष लंबित है जिस पर बुधवार को सुनवाई हो सकती है और यह निर्धारित हो सकता है कि शर्मा या दूसरे खिलाड़ी में से कौन जाएगा। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय यह भी फैसला कर सकता है कि क्या शर्मा एक आरक्षित खिलाड़ी के तौर पर पैरालंपिक्स में जा सकते हैं।
खिलाड़ियों के पहले से ही कोविड के मद्देनजर सुरक्षा घेरे में होने के संदर्भ में सिंह ने कहा, “वहां पहुंचने के बाद 35 लोग जांच में संक्रमित पाए जा चुके हैं।” पीठ ने अपने आदेश में कहा, “इसी के मुताबिक, हम विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) को निस्तारित करते हुए याचिकाकर्ता को यह छूट देते हैं कि वह उच्च न्यायालय की खंडपीठ से संपर्क कर सकता है और याचिका पर शीघ्र सुनवाई के लिये अनुरोध कर सकता है।”
उच्चतम न्यायालय शर्मा की याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें पैरालिंपियन निशानेबाज ने दिल्ली उच्च न्यायालय के 30 जुलाई के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें तोक्यो खेलों के लिए उनका चयन नहीं करने के खिलाफ याचिका पर उसने सुनवाई के लिए छह अगस्त की तारीख तय की थी। उच्चतम न्यायालय में दायर अपनी याचिका में शर्मा ने कहा था कि तोक्यो पैरालंपिक्स में निशानेबाजी के लिये चयन की अंतिम तारीख दो अगस्त है और उच्च न्यायालय इस मामले में छह अगस्त को सुनवाई करेगा। ऐसी स्थिति में चयन के लिए दायर उनकी याचिका का कोई मतलब नहीं रह जाएगा।

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