31 जुलाई केवल तारीख ही नहीं है बल्कि महिलाओं के साथ हुई अभद्रता को लेकर एक इंसाफ का सबसे बड़ा दिन है। जहां सोमवार के दिन विपक्षी दल के कई सांसद संसद को घेरने का काम कर रहे हैं वहीं दूसरी और सुप्रीम कोर्ट में मणिपुर में हुए महिलाओं के साथ शर्मनाक घटना पर आज सुनवाई होगी । बता दें पश्चिम बंगाल विधानसभा में टीएमसी पार्टी, मणिपुर में हुई अभद्रता को लेकर निंदा प्रस्ताव भी पेश करेगी। केंद्र सरकार ने 27 जुलाई के दिन सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया, जिसमें उन्होंने बताया कि महिलाओं के साथ हुई बदसलूकी के मामले को सीबीआई को सौंप दिया है । सुप्रीम कोर्ट लगातार केंद्र सरकार और राज्य सरकार से जवाब मांग रही थी, कि उन्होंने इस हिंसा को लेकर अब तक क्या कदम उठाए । क्योंकि मणिपुर में हो रही हिंसा अब थमने का नाम नहीं ले रही है। जिस कारण राज्य के हालात कुछ इस कदर हो गए हैं कि हर जगह हिंसा का प्रकोप देखा जा सकता है।
केंद्र सरकार ने की सुप्रीम कोर्ट से मांग
मणिपुर मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट एक्शन में दिख रही है 31 जुलाई सोमवार के दिन सुप्रीम कोर्ट में मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई शर्मनाक घटना को लेकर सुनवाई होगी। वहीं केंद्र सरकार ने मांग की इस केस की सुनवाई को मणिपुर से बाहर किया जाए। बता दे कि इस केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की भी मांग की गई है। जिसमें चार्जशीट दाखिल होने के 6 महीने के अंदर ही कार्यवाही होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में मणिपुर में हुए महिलाओं के वायरल वीडियो के मामले पर सुनवाई से पहले केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में कहा था राज्य सरकार की अनुमति लेकर इस मामले को सीबीआई को ट्रांसफर किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने कहा है कि इस मामले इस निपटारा जल्द से जल्द जरूरी है। बता दे सुप्रीम कोर्ट से केंद्र सरकार ने यह भी अपील की है कि इस मुकदमे को राज्य से बाहर ट्रांसफर करने का आदेश दिया जाए। उन्होंने कहा है कि इस सुनवाई को लेकर निचली अदालतों को यह भी निर्देश दिया जाए कि चार्ज शीट दाखिल होने के 6 महीने के भीतर ही इसका फैसला लें।
नहीं रुक रही मणिपुर हिंसा
केंद्र सरकार का दावा है कि मणिपुर में शांति बनाने की प्रक्रिया अभी अंतिम दौर पर है। जिसके लिए समुदायों के बीच लगातार बातें भी की जा रही है। मणिपुर का मुद्दा जो देश के लिए सबसे शर्मनाक और दिल दहला देने वाला मामला है। मणिपुर हो रही इस हिंसा को अब 3 महीने पूरे होने वाले हैं लेकिन समय के साथ साथ यह मुद्दा उतना ही बढ़ रहा है जितना इसे कम होना चाहिए था। हाल ही में विपक्ष इंडिया डेलिगेशन का एक घूंट मणिपुर दौरे पर गए थे जहां उन्होंने उन परिवारों से बात की जिन महिलाओं को सड़क पर नग्न वस्था में घुमाया जा रहा था। इस डेलिगेशन के एक सांसद ने बताया की वो खास तौर पर मणिपुर इसके लिए गए हैं ताकि वो वहां का जायजा ले सके और उनके पीड़ा को संसद के सामने रख सके।