भारत दुनिया में सबसे बड़े आयात-निर्यात वाले देशों की लिस्ट में आता है। और भारत सरकार नहीं गैर बासमती निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके बाद अमेरिका कनाडा समेत कई अन्य बड़े देशों में खलबली सी मच गई है। चावल कि खरीद को लेकर ऑस्ट्रेलिया कनाडा अमेरिका जैसे देशों में अफरा-तफरी का माहौल देखा जा सकता है। बता दे किस से बचने के लिए अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के सुपरमार्केट्स में चावल की खरीद को लेकर एक समय सीमा भी तय कर ली है। चावल निर्यात पर लगे इस बयान को लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत से आग्रह किया है कि वह गैर बासमती निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटा दें। आईएमएफ का कहना है कि ऐसे फैसलों की वजह से पूरी दुनिया में हानिकारक प्रभाव पैदा हो सकते हैं। आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री पियेर ओलिवियर गौरिंचस किसने कहा है किस प्रकार के फैसलों की वजह से दुनिया के बाकी देशों में खाद्य की कीमतों में अस्थिरता बढ़ सकती है।
विदेशों में बढ़ी घबराहट !
आईएमएफ के प्रमुख अर्थशास्त्री ने कहा है की ऐसे फैसलों के कारण वैसा ही प्रभाव होगा जैसे रूस और यूक्रेन में काला सागर समझौते के टूटने की वजह से हुआ था। बता दें की काला सागर के ज़रिए रूस दुनियाभर में गेहूं का निर्यात करता है। लेकिन हाल ही में रूस ने इस समझौते को रद्द कर दिया जिसकी वजह से रूस यूक्रेन में तनाव का माहौल देखने को मिला। और जिसकी वजह से गेहूं के कीमतों में भी बढ़ौतरी दिखी थी। गौरिंचस का कहना है की साल 2023 में वैश्विक अनाज की कीमतें 10 से15 प्रतिशत बढ़ सकती है। उन्होंने कहा है की हम निर्यातों पर से प्रतिबंध हटाने के लिए प्रोत्साहित करेंगे, क्योंकि ये लगाए गए प्रतिबंध वैश्विक स्तर पर हानिकारक हो सकता है।
सुपरमार्केट्स में लगी लम्बी लाइने
आईएमएफ रिसर्च डिपार्टमेंट के डिवीजन चीफ डेनियल ले का कहना है की भारत अगर ऐसे ही प्रतिबन्ध लगाने लगी तो विश्वभर में महंगाई बढ़ेगी। उन्होंने आगे कहा कि भारत के घरेलु जरूरतें भी हैं, लेकिन प्रतिबन्ध लगाने से दुनियाभर महंगाई आसमान छुएगा। साथ ही उन्होंने इस पर से प्रतिबन्ध हटाने के लिए भी अपील की है। भारत के इस प्रतिबन्ध लगाने के बाद से ही अमेरिका ऑस्ट्रेलिया के सुपरमार्केट्स में लोगों की लम्बी कटारे देखने को मिल रही है। जहां लोग एक बार में ही चावल के 10 -10 पैकेट खरीद रहे हैं।