केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस समेत विपक्ष की उन सभी पार्टियों पर जमकर हमला बोला, जो ‘इंडिया’ समूह का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि जब दिल्ली सरकार के अधिकारों और सेवाओं के बारे में विधेयक की बात आती है तो उन्हें केवल समूह पर नहीं बल्कि दिल्ली पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। शाह ने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में शामिल कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि उन्हें दिल्ली सरकार के अधिकारों एवं सेवा से जुड़े विधेयक पर दिल्ली के बारे में सोचना चाहिए, गठबंधन के बारे में नहीं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि गठबंधन से कोई फायदा नहीं होने वाला है और गठबंधन होने के बावजूद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्ण बहुमत के साथ फिर से देश के प्रधानमंत्री बनने वाले हैं। इसलिए गठबंधन के लिए जनता का विश्वास मत तोड़िए, जनता सब देख रही है।
मकसद जनता की सेवा करना नहीं सिर्फ लड़ना है
अमित शाह ने गुरुवार को लोकसभा के पटल पर चर्चा एवं पास करने के लिए दिल्ली सरकार के अधिकारों और सेवा से जुड़े विधेयक- ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार विधेयक, 2023 ‘ को रखते हुए कहा कि जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल, राजाजी, राजेंद्र प्रसाद और बाबा साहेब अंबेडकर ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का विरोध किया था। उन्होंने कहा कि केंद्र और दिल्ली में कांग्रेस और भाजपा की सरकारें रहीं। लेकिन, कभी लड़ाई नहीं हुई क्योंकि उस समय किसी के मन में भी अधिकार हथियाने की इच्छा नहीं थी। लेकिन, 2015 में दिल्ली में एक ऐसी पार्टी की सरकार आई, जिसका मकसद जनता की सेवा करना नहीं सिर्फ लड़ना है।
विरोध की राजनीति नहीं करनी चाहिए – शाह
उन्होंने केजरीवाल पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि दिल्ली में समस्या ट्रांसफर-पोस्टिंग करने का अधिकार हासिल करने की नहीं है, बल्कि इसका मकसद विजिलेंस डिपार्टमेंट पर कब्जा कर अपने लिए बनाए गए बंगले के भ्रष्टाचार के सच को छुपाना है। अमित शाह ने केजरीवाल के कहने पर इस बिल का विरोध करने वाले राजनीतिक दलों से गठबंधन की बजाय दिल्ली के बारे में सोचने का आग्रह करते हुए कहा कि सिर्फ चुनाव जीतने के लिए और गठबंधन बनाने के लिए किसी पक्ष के समर्थन या विरोध की राजनीति नहीं करनी चाहिए।