नई दिल्ली : संसद में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के नेता जितेंद्र रेड्डी ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी के पास राफेल करार जैसे मुद्दे संसद में उठाने का वक्त नहीं है और उन्हें सिर्फ तेलंगाना के मुद्दों में दिलचस्पी है। यहां एक संवाददाता सम्मेलन में यह पूछे जाने पर कि क्या टीआरएस संसद में राफेल करार का मुद्दा उठाएगी, रेड्डी ने कहा, ‘‘हमें सिर्फ तेलंगाना में दिलचस्पी है।
हमारे पास इन चीजों के लिए वक्त नहीं है।’’ रेड्डी ने कहा कि टीआरएस ने उच्च न्यायालय के विभाजन और मुस्लिमों के लिए 12 फीसदी आरक्षण जैसे लंबित मुद्दों की पहचान की है जिन्हें दोनों सदनों में उठाया जाएगा।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी और टीआरएस नेता के. कविता ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस से मुक्त एक ‘‘निष्पक्ष मोर्चे’’ के उदय का समय आ गया है। उन्होंने साफ किया कि टीआरएस न तो कांग्रेस की अगुवाई में बन रहे महागठबंधन का हिस्सा है और न ही किसी पार्टी की ‘बी टीम’ है। कविता ने कहा कि टीआरएस राष्ट्रीय राजनीति में बड़ी भूमिका निभाएगी।
कांग्रेस की राफेल सौदे पर जेपीसी की मांग ‘राजनीतिक दिखावा’ है : निर्मला
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस की राफेल लड़ाकू विमान सौदे की जेपीसी से जांच कराये जाने की मांग को सोमवार को एक ‘राजनीतिक दिखावा’ करार दिया। उन्होंने कहा कि 1980 के दशक में बोफोर्स सौदे में हुई जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) जांच का भी बहुत कम महत्व रहा।
भाजपा के मुंबई कार्यालय में संवाददाताओं के साथ बातचीत में रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘जेपीसी (रक्षा सौदे में) की मांग, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद वास्तविकता जानने (सचाई) के बजाय उनकी (कांग्रेस) राजनीतिक दिखावा ज्यादा लगती है।’’
रक्षा मंत्री, विवादास्पद राफेल विमान सौदे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर पूरे देश के 70 शहरों में मुख्य विपक्षी पार्टी पर हमले के लिए बीजेपी के संवाददाता सम्मेलनों के तहत मीडिया से बातचीत कर रही थीं।