देश में कोरोना वायरस के नए स्वरुप ओमिक्रोन का खतरा लगातार बढ़ रहा है, ऐसे में टीकाकरण की रफ्तार भी तेज की जा रही है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद(आईसीएमआर)के निदेशक डा. बलराम भार्गव ने कहा है कि अभी तक ऐसा कोई वैज्ञानिक डाटा नहीं है जो इस बात का समर्थन करता है कि इस समय कोविड पिल्स को दिए जाने की जरूरत है।
डा. भार्गव ने एक संवाददाता सम्मेलन में देश में कोविड स्थिति की समीक्षा और नए वेरिएंट ओमिक्रोन के बारे में कहा कि जिस तरह के केस सामने आ रहे हैं उसे देखते हुए त्योहारों में कम से कम संख्या में हिस्सा लेने और गैर जरूरी यात्राओं को टालना ही बेहतर है।
देश में पिछले 20 दिनों से दस हजार से कम मामले सामने आ रहे हैं
इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि देश में पिछले 20 दिनों से दस हजार से कम मामले सामने आ रहे हैं और पिछले हफ्ते की केस पॉजिटविटी दर 0.65 प्रतिशत थी तथा देश में इस समय जितने सक्रिय मामले हैं उनमें केरल का योगदान 40.31 प्रतिशत है।
उन्होंने कहा कि देश में कोरोना टीकाकरण की रफ्तार विश्व के अन्य देशों से अधिक है और प्रतिदिन कोरोना टीकाकरण अमेरिका के मुकाबले 4.8 तथा ब्रिटेन की तुलना में 12.5 गुना अधिक है। उन्होंने कहा कि देश में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के अब तक 101 मामले सामने आ गए हैं।
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ओमिक्रोन के मामले डेल्टा वेरिएंट की तुलना में अधिक आ सकते हैं
अग्रवाल ने कहा कि ऐसा कोई प्रमाण नहीं है जो यह साबित करता कि ओमिक्रोन पर वैक्सीन का कोई असर नहीं होता है और विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार ओमिक्रोन के मामले डेल्टा वेरिएंट की तुलना में अधिक आ सकते हैं तथा डेल्टा का सामुदायिक स्तर पर संक्रमण हो चुका है।
हर नमूने की सीक्वेंसिंग संभव नहीं है
नीति आयोग के सदस्य , स्वास्थ्य , वी के पॉल ने कहा कि यूरोप में कोरोना के नए वेरिएंट सामने आने के बाद कोविड महामारी का नया दौर महसूस किया जा रहा है। इस नए रूप की जीनोम सीक्वेंसिंग के बारे में उन्होंने कहा कि हर नमूने की सीक्वेंसिंग संभव नहीं है क्योंकि यह एक निगरानी मापक और महामारी के आकलन के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला मानक है और इस नैदानिक प्रकिया में अभी तक कोइ रोल नहीं है।