केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि दुनिया प्रौद्योगिकी के माध्यम से इतनी जुड़ी हुई है, इसलिए सभी को समान सुरक्षा जोखिमों का सामना करना पड़ता है। इसका मतलब यह है कि देशों को यह सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करने की ज़रूरत है कि वे ऑनलाइन सुरक्षित हैं। वैष्णव ने शनिवार को कहा कि दुनिया के आपस में जुड़ जाने के बाद साझा सुरक्षा जोखिम पैदा हो गया है, जिसके लिए डिजिटल सुरक्षा पर परस्पर तालमेल की अत्यंत आवश्यकता है। वैष्णव ने ‘जी-20 डिजिटल अर्थव्यवस्था कार्यसमूह मंत्रियों’ की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि डिजिटल अर्थव्यवस्था कार्यबल के सिलसिले में भारतीय अध्यक्षता में तीन प्राथमिकता वाले क्षेत्रों का चयन किया गया है, जिससे प्रौद्योगिकी के लोकतंत्रीकरण में मदद मिलेगी।
डिजिटल सुरक्षा पर तालमेल की जरूरत अत्यावश्यक हो गई
रेलवे, इलेक्ट्रोनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री वैष्णव ने कहा, ‘‘आपस में दुनिया के जुड़ जाने के बाद साझा सुरक्षा जोखिम पैदा हो गई है। इसलिए डिजिटल सुरक्षा पर तालमेल की जरूरत अत्यावश्यक हो गयी है। वैष्णव ने कहा, डिजिटल अर्थव्यवस्था कार्यसमूह के लिए भारत की अध्यक्षता में चुने गये प्राथमिकता वाले क्षेत्र डिजिटल लोक अवसंरचना, डिजिटल अर्थव्यवस्था में सुरक्षा और डिजिटल कौशल प्रशिक्षण हैं।
हर नागरिक तक पहुंचना चाहिए
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ये प्राथमिकताएं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दिशादृष्टि की झलक देती हैं जो प्रौद्योगिकी के लोकतंत्रीकरण में यकीन करते हैं। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि प्रौद्योगिकी का लाभ हर नागरिक तक पहुंचना चाहिए, भले ही उसकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति कैसी भी हो। वैष्णव ने कहा कि डिजिटल क्षेत्र की सार्वजनिक बुनियादी संरचना को प्रौद्योगिकी के लोकतंत्रीकरण में अहम भूमिका निभानी है।