गंगा नदी का सफाई को लेकर लगातार बहस होती रहती है कि आखिर मैली गंगा कब साफ होगी। लेकिन पापियो के पाप धोते धोते गंगा नदी खुद साफ नहीं हो पा रही है।
आज से 8 साल पहले शुरू किए गए गंगा को साफ करने के इस मिशन को 5 साल आगे बढ़ा दिया गया है। लेकिन गंगा आज भी गंदगी से भरी हुई है। इसकी सफाई को लेकर 30 दिसंबर शुक्रवार को राष्ट्रीय गंगा परिषद की बैठक भी हुई थी। इसमें नमामि गंगे पहल को लेकर कई खुलासे हुए और गंगा को साफ करने की कोशिशों को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया।
गंगा नदी को लेकर पीएम की बैठक
बता दे पीएम मोदी की बैठक में गंगा के किनारे हर्बल खेती को बढ़ाने के तरीकों पर भी जोर दिया गया. इसके साथ ही नदी किनारे पर्यटन के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने को लेकर भी बात की गई।
सफाई पर 8 साल में करोड़ों रुपये खर्च
सरकार के नमामि गंगे कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन- और गंगा परिषद के कार्यक्रम में खर्च के बारे में चर्चा हुई बता दें इसमें
2014 से अब-तक हुए खर्चे के बारे में जानकारी दी। बता दें सरकार ने गंगा और उसकी सहायक नदियों का “कायाकल्प” करने के लिए 31 मार्च, 2021 तक की अवधि के लिए 2014-15 में नमामि गंगे की शुरुआत की थी। हालांकि बाद में इस कार्यक्रम को 31 मार्च, 2026 तक 5 साल के लिए और बढ़ा दिया गया था। बताया जा रहा है की गंगा की सफाई के लिए 8 साल में करोड़ों रुपये खर्च किए जा चुके हैं।