प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ब्रिक्स में छह नए देशों को जोड़ना समूह को आज की दुनिया के लिए मजबूत और अधिक अनुकूलनीय बनाने का एक तरीका है। यह निर्णय समूह में नए विचार और ऊर्जा लाएगा। दक्षिण अफ़्रीकी राष्ट्रपति ने एक बैठक के अंत में इस निर्णय की घोषणा की जहां ब्रिक्स के नेताओं ने महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की।
विश्वास को और मजबूत करेगा
उन्होंने कहा कि नए सदस्य देश एक जनवरी, 2024 से ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) का हिस्सा बन जाएंगे। रामफोसा, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा की मौजूदगी में अपने मीडिया बयान में मोदी ने कहा कि भारत ने हमेशा ब्रिक्स की सदस्यता के विस्तार का पूर्ण समर्थन किया है। उन्होंने कहा, “भारत का विचार रहा है कि नए सदस्यों के शामिल होने से ब्रिक्स एक संगठन के रूप में और मजबूत होगा तथा हमारे सभी साझा प्रयासों को नयी गति मिलेगी। मोदी ने कहा कि समूह के विस्तार का निर्णय बहुध्रुवीय दुनिया में कई देशों के विश्वास को और मजबूत करेगा।
सुधार के लिए दबाव डाल रहे
उन्होंने कहा, “अन्य देशों ने भी ब्रिक्स में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की है, भारत उन्हें भागीदार देशों के रूप में शामिल करने के लिए आम सहमति बनाने में योगदान देगा। मोदी ने कहा, “ब्रिक्स का विस्तार और आधुनिकीकरण एक संदेश है कि दुनिया के सभी संस्थानों को बदलते समय की परिस्थितियों के अनुरूप ढलना चाहिए। उन्होंने कहा, “यह एक ऐसी पहल है जो 20वीं सदी में स्थापित अन्य वैश्विक संस्थानों के सुधार के लिए एक उदाहरण बन सकती है। भारत और कई अन्य देश भू-राजनीति के बदलते स्वरूप को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक जैसे वैश्विक वित्तीय संस्थानों में सुधार के लिए दबाव डाल रहे हैं।
ब्रिक्स में स्वागत करने पर सहमत हुए हैं
उन्होंने कहा, “मुझे खुशी है कि हमारी टीम ब्रिक्स के विस्तार के लिए मार्गदर्शक सिद्धांतों, मानकों, मानदंडों और प्रक्रियाओं पर एक साथ सहमत हुई हैं और इन्हीं के आधार पर हम अर्जेंटीना, मिस्र, ईरान, सऊदी अरब, इथियोपिया और यूएई का ब्रिक्स में स्वागत करने पर सहमत हुए हैं। मोदी ने कहा, “मैं इन देशों के नेताओं और लोगों को बधाई देता हूं। मुझे यकीन है कि इन देशों के साथ मिलकर हम अपने सहयोग को एक नयी गति, एक नयी ऊर्जा देंगे। नए ब्रिक्स सदस्यों के रूप में शामिल किए गए देशों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि इन सभी के साथ भारत के बहुत गहरे और ऐतिहासिक संबंध रहे हैं।