देश में प्रतिदिन कुत्तों व अन्य पशुओं के काटने के मामले 12,256 पार, जानिए पिछले साढ़े तीन साल का रिकॉर्ड स्तर - Punjab Kesari
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देश में प्रतिदिन कुत्तों व अन्य पशुओं के काटने के मामले 12,256 पार, जानिए पिछले साढ़े तीन साल का रिकॉर्ड स्तर

कई बार आप जब गलियों से गुजरते हैं तो आवारा कुत्ते आप की तरफ भोंकने लगते हैं। वहीं

कई बार आप जब गलियों से गुजरते हैं तो आवारा कुत्ते आप की तरफ भोंकने लगते हैं। वहीं कई बार वे कुत्ते इंसानों या पशुओं को काट भी लेते हैं। देश में पिछले साढ़े तीन वर्ष में आवारा कुत्तों सहित पशुओं द्वारा मनुष्यों एवं पालतु पशुओं को काटने के प्रतिदिन औसत 12,256 मामले दर्ज किये गए हैं। इनमें सबसे अधिक मामले उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश में दर्ज किये गए हैं। यह तमाम जानकारी सरकार द्वारा दी गई है। 
आवारा कुत्तों सहित पशुओं द्वारा काटने के 14,50,666 मामले दर्ज किये गए 
संसद के हाल में संपन्न मॉनसून सत्र में सांसद ए एम आरिफ के प्रश्न के लिखित उत्तर में केंद्रीय पशुपालन एवं डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला द्वारा लोकसभा में पेश किये गए आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। उत्तर में दिये गये समन्वित रोग निगरानी कार्यक्रम और समन्वित स्वास्थ्य सूचना प्लेटफार्म के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2019 में आवारा कुत्तों सहित पशुओं द्वारा काटने के 72,77,523 मामले, वर्ष 2020 में 46,33,493 मामले, वर्ष 2021 में 17,01,133 मामले दर्ज किये गए। आंकड़ों के अनुसार 2022 में गत 22 जुलाई तक आवारा कुत्तों सहित पशुओं द्वारा काटने के 14,50,666 मामले दर्ज किये गए।
पिछले साढ़े तीन सालों में 27.52 लाख मामले
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले करीब साढ़े तीन वर्ष के दौरान आवारा कुत्तों सहित पशुओं द्वारा मनुष्यों एवं पालतु पशुओं को काटने के सर्वाधिक 27.52 लाख मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज किये गए। इसके अनुसार तमिलनाडु में ऐसे 20.70 लाख मामले, महाराष्ट्र में 15.75 लाख मामले, पश्चिम बंगाल में 12.09 लाख मामले, गुजरात में 11.09 लाख मामले, आंध्र प्रदेश में 9.51 लाख मामले, बिहार में 5.57 लाख मामले, मध्य प्रदेश में 5.30 लाख मामले और ओडिशा में 3.91 लाख मामले दर्ज किये गए। पिछले करीब साढ़े तीन वर्ष में आवारा कुत्तों सहित पशुओं के काटने के कुल 1,60,62,815 मामले दर्ज किये गए हैं। मंत्री के उत्तर के अनुसार इस प्रकार से देश में आवारा कुत्तों सहित पशुओं द्वारा मनुष्यों एवं पालतू पशुओं को काटने के प्रतिदिन औसत 12,256 मामले दर्ज किये गए हैं।
सरकार ने कुत्तों के काटने की घटनाओं पर रोकथाम के लिए शुरू किया राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम 
मंत्री ने अपने उत्तर में सदन को बताया था कि सरकार ने कुत्तों के काटने की घटनाओं पर रोकथाम के लिये राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम शुरू किया है। अनुच्छेद 243 (ब) और 246 के अनुसार, पशुओं की आबादी को नियंत्रित करने का कार्य स्थानीय निकाय का है। रूपाला ने बताया कि केंद्र सरकार ने पशु जन्म नियंत्रण (कुत्ता) नियम 2001 बनाया था जिसे बाद में वर्ष 2010 में संशोधित किया गया था। उन्होंने कहा कि भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड ने मनुष्य-पशु विवाद को कम करने के लिये सामुदायिक पशुओं को गोद लेने के लिये 17 मई 2022 को परामर्श जारी किया। 

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