नहीं बच पाया तन्मय, 84 घंटे बाद 400 फीट गहरे बोरवेल से निकला - Punjab Kesari
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नहीं बच पाया तन्मय, 84 घंटे बाद 400 फीट गहरे बोरवेल से निकला

बैतूल जिला प्रशासन ने बताया कि मंडावी गांव में 6 दिसंबर को बोरवेल में गिरे बच्चे तन्मय को

मध्य प्रदेश के बैतूल में 84 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आठ साल के मासूम तन्मय को आखिरकार बोरवेल से निकाल लिया गया। पांच दिन पहले वह करीब 400 फीट गहरे बोरवेल गिर गया था। उसे तत्काल नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। तन्यम की मौत की खबर सुनते ही मां-बाप फूट-फूट कर रोने लगे। जमीन से लगातार निकल रहे पानी और विशाल चट्टान की वजह से उसके बचाव कार्य में जुटे कर्मचारियों को काफी परेशानी हुई। अंत में आखिरकार उन्हें सफलता मिल गई, लेकिन तन्यम की जान नहीं बच पाई।
4 फीट गहरा गड्ढा खोदा
मासूम तन्मय को बोरवेल से बाहर निकालने के लिए बोर के समानांतर 44 फीट गहरा गड्ढा खोदा गया। इसके बाद 12 फीट लंबी सुरंग बना कर उसे बाहर निकाला गया। हालांकि देर रात उसकी ओर से कोई रिस्पांस नहीं मिलने की वजह से चिंता बढ़ गई थी, लेकिन जब बचाव दल उसके पास पहुंचा तो उसकी सांस चल रही थी। चूंकि 84 घंटे से अधिक समय से वह बिन कुछ खाये-पिये यहां फंसा था, इसलिए उसके स्वास्थ्य बुरी तरह से प्रभावित भी हुआ था। इसलिए उसे तत्काल बोरवेल से निकाल कर अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन अस्पताल में इलाज के दौरान तन्मय ने दम तोड़ दिया। 
काफी चुनौतियों के बाद सफलता
सुरंग बनाने में पत्थर और जमीन से निकल रहे पानी की वजह से काफी दिक्कतें आई। रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी कर रहे होमगार्ड कमांडेंट एसआर आजमी ने बताया कि बोरवेल में तन्मय 39 फीट पर फंसा हुआ था। बच्चों की नॉर्मल हाइट तीन से चार फीट मानकर हमने 44 फीट तक गड्ढा खोदा है। टनल बनाने में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के 61 जवान लगे रहे, लेकिन जमीन से निकल रहे पानी और चट्टान की वजह से रेस्क्यू करने में परेशानी हुई।
खेलते समय गिरा था तन्मय
तन्मय मंगलवार की शाम करीब पांच बजे खेल रहा था। अचानक ही वह खेल के मैदान में बने बोरवेल में गिर गया। बैतूल के जिलाधिकारी अमनबीर सिंह बैंस ने कहा कि सूचना मिलते ही तन्मय को बचाने के लिए बचाव अभियान शुरू कर दिया गया था। करीब 84 घंटे के अथक प्रयास के बाद आखिरकार अब सफलता मिल गई। 
सलामती के लिए दुआओं का दौर
तन्मय की सलामती के लिए देश भर में दुआओं का दौर शुरू हो गया था। एक तरफ जहां उसके गांव में लोग पूजा-अर्चना कर उसकी सलामती की प्रार्थना कर रहे हैं। वहीं देश के अन्य हिस्सों में लोग उसे सही सलामत बाहर निकालने के लिए प्रार्थना करने लगे थे। मासूम के मां-बाप उसकी सलामती के लिए घर में पूजा-प्रार्थना कर रहे हैं। तन्मय के साथ पढ़ने वाले स्टूडेंट्स ने मांडवी के गायत्री मंदिर में गायत्री मंत्र का जाप किया।

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