फीफा ने ऑल इंडिया फुटबोल फेडरेशन पर बैन लगा दिया, जिसके बाद से भारतीय फुटबॉल में भूचाल सा आ गया है। इसी साल भारत में होने वाले अंडर-17 महिला फुटबॉल विश्व कप की मेजबानी पर संकट खड़ा हो गया। AIFF से लेकर भारत सरकार और फिर सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले में सक्रिय हो गया है। लेकिन अब एक ऐसा फैसला लिया गया है, जिससे हालात काबू में आने की उम्मीद लगाई जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने लिया यह बड़ा फैसला
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ को संचालित करने वाली प्रशासकों की समिति को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को भंग कर दिया। प्रफुल्ल पटेल को अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद बोर्ड को चलाने के लिए इस समिति का गठन किया गया था। लेकिन फीफा द्वारा लगाए गए निलंबन ने चीजें बदल दीं और फिर आनन-फानन में सुप्रीम कोर्ट को यह फैसला सुनाना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक अब वर्तमान महासचिव सुनंदो धर पूरी तरह से AIFF का संचालन करेंगे। यानी इसे बोर्ड के तहत ही संचालित किया जाएगा, जिससे फीफा प्रतिबंध हटाने के लिए कदम उठाए जा सके। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने AIFF में होने वाले चुनावों को एक हफ्ते के लिए टाल दिया है, 28 अगस्त को होने वाले चुनाव में अब कुछ देरी होगी ताकि वोटिंग सिस्टम में सुधार किया जा सके।
फुटबॉल महासंघ को किया निलंबित
भारत देश इस साल अंडर-17 महिला फुटबॉल विश्व कप का आयोजन कर रहा है, लेकिन 16 जुलाई को फुटबॉल की बड़ी संस्था फीफा ने भारतीय फुटबॉल महासंघ को निलंबित कर दिया था। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि AIFF में तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप था। फीफा द्वारा AIFF में संविधान और चुनावों को लागू करने पर लगातार जोर दिया जा रहा था। लेकिन भारत में आंतरिक राजनीति के कारण ऐसा नहीं हो पाया।
सुप्रीम कोर्ट ने प्रफुल्ल पटेल को किया पद से निष्कासित
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता प्रफुल्ल पटेल करीब 12 साल तक AIFF के अध्यक्ष रहे और वह अपने पद से हटने को तैयार नहीं थे। अंत में 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें पद से हटा दिया और बाद में प्रशासकों की एक समिति बनाई, जिसे AIFF के संचालन के लिए सौंप दिया गया। हालांकि, फीफा भी इससे संतुष्ट नहीं था क्योंकि इसने AIFF को पूरी तरह से स्वतंत्र भी नहीं बनाया था। यही कारण था कि फीफा ने तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप का हवाला देते हुए AIFF को निलंबित कर दिया और जब तक निलंबन लागू रहा, उसने फुटबॉल विश्व कप का दावा भी वापस ले लिया।
11 अक्टूबर से होना था महिला फुटबॉल अंडर-17 वर्ल्ड कप का आयोजन
11 अक्टूबर से भारत में महिला फुटबॉल अंडर-17 वर्ल्ड कप का आयोजन होना था। लेकिन AIFF में गड़बड़ी के कारण फीफा ने निलंबन लगा दिया और इसकी मेजबानी मुश्किल में पड़ गई। लेकिन अब जब सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर पूरे ऑपरेशन को AIFF के बोर्ड को सौंप दिया है, तो हो सकता है कि फीफा अपने निलंबन पर विचार करे। 28 अगस्त को होने वाले चुनाव अब एक हफ्ते बाद होंगे, तब तक AIFF को इलेक्टोरल कॉलेज में भाग लेने वालों में से पूर्व खिलाड़ियों के 36 वोटों को शामिल करना होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने चीजों को नए सिरे से घड़ने की बनाई रणनीति
यह भी फीफा की एक बड़ी शर्त है, जिसमें कहा गया है कि AIFF की कार्यकारी समिति के 36 सदस्यों, पूर्व खिलाड़ियों को भी इसमें शामिल किया जाए। भारत में विभिन्न राज्यों के फुटबॉल संघों ने अभी तक पूर्व फुटबॉलरों को नामांकित नहीं किया था, यह फीफा की आपत्ति थी। लेकिन अब जब सुप्रीम कोर्ट ने चीजों को नए सिरे से गढ़ने को कहा है, तो यह संभव लगता है।