Supreme Court: कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों ने सोमवार को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों के उन आदेश पर अंतरिम रोक लगाने वाले उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया, जिसमें कहा गया था कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर भोजनालयों को मालिकों के नाम प्रदर्शित करने होंगे।
Highlights
- कावंड़ यात्रा संबधी आदेश पर Supreme Court की अंतरिम रोक
- विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किया स्वागत
- अखिलेश यादव ने फैसले के बाद RSS और भाजपा पर कैसा तंज
महुआ मोइत्रा ने राज्य सरकारों के फैसले को असंवैधानिक बताया
दुकानों पर नेमप्लेट लगाने के मामले में याचिकाकर्ताओं में से एक और तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने दोनों राज्य सरकारों के फैसले को असंवैधानिक बताया और अदालत के आदेश को सभी भारतीय नागरिकों की जीत बताया। मोइत्रा ने कहा, ‘‘हमें अभी पूरी तरह से अवैध और असंवैधानिक आदेश पर स्थगन मिला है, जिसे उत्तर प्रदेश ने शुरू किया था। इस आदेश को पहले मुजफ्फरनगर पुलिस ने लागू किया और फिर इसे पूरे उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों तक विस्तारित कर दिया गया।”
पवन खेड़ा ने Supreme Court के फैसले का किया स्वागत
कांग्रेस के मीडिया और प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने एक बयान में कहा, ‘‘हम उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सरकारों के पूरी तरह से असंवैधानिक आदेशों पर उच्चतम न्यायालय(Supreme Court) द्वारा अंतरिम रोक लगाए जाने का स्वागत करते हैं। इन सरकारों ने सभी दुकानदारों, भोजनालयों से था कि वे कांवड़ यात्रा के दौरान अपने मालिकों और कर्मचारियों के नाम का उल्लेख बाहर बोर्ड पर करें। यह असंवैधानिक था और कांग्रेस समेत विपक्ष ने इसका विरोध किया था।’’
अखिलेश यादव ने फैसले के बाद RSS और भाजपा पर कैसा तंज
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भोजनालयों के लिए निर्देश और साथ ही सरकारी कर्मचारियों को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधियों में भाग लेने की अनुमति देने का निर्णय, भाजपा की हताशा को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि सांप्रदायिकता की राजनीति अपने आखिरी दौर में है, इसलिए ऐसे फैसले लिए जा रहे हैं। उन्होंने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ दल का दीपक फड़फड़ा रहा है और यह जल्द बुझ जाएगा।
उस निर्देश का उद्देश्य सांप्रदायिक विभाजन को गहरा करना था- संजय राउत
शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा, ‘‘मैं दिल की गहराइयों से उच्चतम न्यायालय(Supreme Court) के फैसले का स्वागत करता हूं। उन्होंने संविधान की रक्षा की है।’’ उन्होंने कहा कि इस निर्देश का उद्देश्य सांप्रदायिक विभाजन को गहरा करना है। आज़ाद समाज पार्टी के सांसद चन्द्रशेखर ने कहा कि लोग अपनी आजीविका के मुद्दों पर बात करना चाहते हैं और कांवड़ यात्रा के नाम पर हो रहे ‘प्रयोग’ को स्वीकार नहीं करेंगे।
देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।