मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराए जाने को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने डीजीपी को भी तलब कर दिया है। आपको बता दे कि बीचे कई महीने से मणिपुर में हिंसा जारी है इस बीच महिलाओं का एक वीडियो वायरल हुआ जिसके बाद मणिपुर को लेकर हर तरफ चर्चा होने लगी। महिलाओं का वीडियो जो वायरल हुआ इसके बारे में सुनकर कोर्ट भी शर्मसार हो गया। इसलिए जब महिलाओं से परेड कराने वाली वीडियो को लेकर सुनवाई हुई तो सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई।
जांच में दिख रही सुस्त रफ्तार
शीर्ष अदालत ने जांच की सुस्त रफ्तार और मणिपुर में मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की। इस मामले को लेकर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जांच धीमी है। इसलिए कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। जुसके बाद अदालत ने मणिपुर के पुलिस महानिदेशक डीजीपी को 4 अगस्त को दोपहर 2 बजे व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए भी कहा है ।
अदालत ने केंद्र सरकार सरकार से क्या कहा
मणिपुर मामले को लेकर अदालत ने केंद्र सरकार की तरफ सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा कि मामला चार मई का था। जीरो एफआई 16 को दर्ज की गई। अभी तक कोई गिरफ्तारी हुई है क्योंकि घटना तो चार मई की थी। इस पर एसजी ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
कानून में विश्वास कम हो गया है- डीवाई चंद्रचूड़
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जांच सुस्त रही है। गिरफ्तारी या ठोस नतीजो के मामले में बहुत कम या कोई प्रगति नहीं हुई है। इसके चलते लोगों का कानून में विश्वास कम हो गया है। इससे संवैधानिक तंत्र की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि राज्य पुलिस जांच करने में असमर्थ है उन्होंने नियंत्रण खो दिया है। वहां कोई कानून-व्यवस्था नहीं है। अगर कानून-व्यवस्था मशीनरी लोगों की रक्षा नहीं कर सकती तो नागरिकों का क्या होगा? इस तरह से कोर्ट ने प्रशासन को कड़ी फटकार लगाई है। अब देखने वाली बात होगी की डीजीपी के पेश होने के
जांच में दिख रही सुस्त रफ्तार
शीर्ष अदालत ने जांच की सुस्त रफ्तार और मणिपुर में मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की। इस मामले को लेकर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जांच धीमी है। इसलिए कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। जुसके बाद अदालत ने मणिपुर के पुलिस महानिदेशक डीजीपी को 4 अगस्त को दोपहर 2 बजे व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए भी कहा है ।
अदालत ने केंद्र सरकार सरकार से क्या कहा
मणिपुर मामले को लेकर अदालत ने केंद्र सरकार की तरफ सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा कि मामला चार मई का था। जीरो एफआई 16 को दर्ज की गई। अभी तक कोई गिरफ्तारी हुई है क्योंकि घटना तो चार मई की थी। इस पर एसजी ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
कानून में विश्वास कम हो गया है- डीवाई चंद्रचूड़
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जांच सुस्त रही है। गिरफ्तारी या ठोस नतीजो के मामले में बहुत कम या कोई प्रगति नहीं हुई है। इसके चलते लोगों का कानून में विश्वास कम हो गया है। इससे संवैधानिक तंत्र की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि राज्य पुलिस जांच करने में असमर्थ है उन्होंने नियंत्रण खो दिया है। वहां कोई कानून-व्यवस्था नहीं है। अगर कानून-व्यवस्था मशीनरी लोगों की रक्षा नहीं कर सकती तो नागरिकों का क्या होगा? इस तरह से कोर्ट ने प्रशासन को कड़ी फटकार लगाई है। अब देखने वाली बात होगी की डीजीपी के पेश होने के