70 साल बाद 8 चीते मेहमान बनकर भारत में पधार रहे हैं। 17 सितंबर को नामीबिया से आठ चीते भारत पहुंचेंगे। इन चीतों को लेने के लिए भारत से विशेष तरह का विमान नामीबिया पहुंच चुका है। नामीबिया में भारतीय उच्चायोग ने इस विशेष विमान की तस्वीर शेयर की है।
विमान पर चीते की खूबसूरत पेंटिंग की गई है। विमान कंपनी ने इस विमान को विशेष फ्लैग नंबर 118 दिया है। कंपनी दुनिया में पहली बार चीतों को शिफ्ट करने के लिए फ्लाइट का संचालन कर रही है, ऐसे में यह उनके लिए एक ऐतिहासिक पल है। वहीं चीतों का भारत पहुंचना यहां के लोगों के लिए बेहद रोमांचक होने वाला है।
A special bird touches down in the Land of the Brave to carry goodwill ambassadors to the Land of the Tiger.#AmritMahotsav #IndiaNamibia pic.twitter.com/vmV0ffBncO
— India In Namibia (@IndiainNamibia) September 14, 2022
विशेष विमान बी 747 जंबो जेट 16 सितंबर शुक्रवार को नामीबिया से 8 चीतों को लेकर भारत के लिए उड़ान भरेगा। विमान कंपनी के मुताबिक, रात के समय में उड़ान भरने से चीतों को पहुंचाने में आसानी होगी। यह उड़ान शनिवार 17 सितंबर की सुबह जयपुर एयरपोर्ट पर लैंड करेगी और फिर चीतों को हेलीकाप्टर के द्वारा मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क ले जाया जाएगा।
देश में पहुचंगे 5 मादा और 3 नर चीते
चीता कंजर्वेशन फंड (सीसीएफ) के अनुसार दो से पांच साल उम्र के पांच मादा चीता और 4.5 से 5.5 साल उम्र के नर चीते आएंगे। सीसीएफ एक अंतरराष्ट्रीय गैर-लाभकारी संगठन है जिसका मुख्यालय नामीबिया में है। सीसीएफ के अनुसार जो विमान चीतों को भारत ला रहा है उसमें इस तरह बदलाव किये गये हैं कि चीतों के पिंजरे मुख्य केबिन में रहें और पशुचिकित्सक उन तक पहुंच सकें।
इस मिशन पर आठ अधिकारी और विशेषज्ञ नजर रखेंगे जिनमें नामीबिया में भारत के राजदूत प्रशांत अग्रवाल, प्रोजेक्ट चीता के मुख्य वैज्ञानिक तथा भारतीय वन्यजीव संस्थान के डीन यादवेंद्र देव विक्रमसिंह झाला, केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से सनत कृष्ण मूलिया, सीसीएफ संस्थापक और कार्यकारी निदेशक लॉरी मार्कर और सीसीएफ से विशेषज्ञ एलि वॉकर आदि शामिल हैं। प्रधानमंत्री इन चीतों को कुनो नेशनल पार्क में छोटे पृथक बाड़ों में छोड़ेंगे जहां वे 30 दिन के लिए रहेंगे। इसके बाद इन्हें छह वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में छोड़ा जाएगा।