मुम्बई : केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अपने मंत्रिमंडल सहयोगी एम जे अकबर के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों पर बृहस्पतिवार को कुछ कहने से इनकार कर दिया। किन्तु उन्होंने यह जरूर कहा कि उन महिलाओं के साथ इंसाफ होना चाहिए जो अपनी बात रख रही हैं। ‘‘मी टू अभियान’’ के तेज होने पर कुछ महिला पत्रकार भी सामने आयीं और उन्होंने विदेश राज्यमंत्री एम जे अकबर पर दो अखबारों में उनके संपादक रहने के दौरान यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया।
Women don’t go to work to be harassed. They go to work to live their dreams&earn a respectable living. I am hopeful that all these ladies who are speaking out get the justice that they deserve: Union Minister Smriti Irani on #MeToo pic.twitter.com/3PbxHMt44w
— ANI (@ANI) October 11, 2018
अकबर के खिलाफ आरोपों के संबंध में पूछे जाने पर केंद्रीय कपड़ा मंत्री ने कहा, ‘‘संबंधित सज्जन इस मुद्दे पर बोलने पर बेहतर होंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस बात की प्रशंसा करती हूं कि मीडिया अपनी (पूर्व) महिला सहयोगियों का साथ दे रहा है लेकिन मेरा मानना है कि संबंधित सज्जन को बयान देना है न कि मुझे क्योंकि मैं व्यक्तिगत रुप से वहां नहीं थी। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इस खास मुद्दे पर बार बार कहा है कि विशेष तौर पर अपनी आपबीती सामने रख रही महिलाओं को किसी भी तरह शर्मिंदा नहीं होना चाहिए। उन्हें परेशान नहीं किया जाना चाहिए तथा उनका मजाक नहीं उड़ाया जाना चाहिए। ’’ ईरानी ने कहा कि महिलाएं उत्पीड़न का शिकार बनने नहीं बल्कि अपने सपने को साकार करने, सम्मानजनक जिंदगी जीने के लिए काम करने जाती हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, मैं आज यहां कहूंगी कि अपने पेशेवर जिंदगी में महिलाओं के साथ जो कुछ हुआ, उसके बारे में सामने आकर बोलना बहुत मुश्किल भरा होगा। लेकिन हमारे समाज में इस वक्त अहम बात है कि अधिकाधिक महिलाओं को समर्थन मिल रहा है ताकि वे बोल सके। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं महसूस करती हूं कि हमारे न्यायिक और पुलिस तंत्र में इंसाफ के पर्याप्त उपाय हैं और मैं आशान्वित हूं कि जो महिलाएं बोल रही हैं उन्हें उचित प्रक्रिया के तहत इंसाफ मिलेगी जिसकी वे हकदार हैं। ’’ अकबर ने अबतक इन आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।