कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने लंबे समय बाद चर्चा में आकर पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है। उन्होंने गीता और जिहाद को लेकर विवादित बयान दिया, जिसपर विवाद हुआ तो सफाई देते हुए पाटिल भड़क गए। वहीं कांग्रेस की गलियों पर ताक लगाए बैठी बीजेपी ने विपक्षी दल पर तीखा हमला बोला।
पत्रकार पर भड़के पाटिल
शिवराज पाटिल ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि “आप लोग जिहाद की बात कर रहे हैं। आप सोचिए कि क्या श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जो संदेश दिया है, उसे आप जिहाद कहेंगे? नहीं कहेंगे। यही बात मैं भी कह रहा हूं। यदि आप महात्मा गांधी को मारते हैं, तो यह जिहाद है। उन्हें मारने का कार्य जिहाद है।” इस दौरान पाटिल एक पत्रकार पर भड़क गए और कहा तुम चुप रहो, तुमसे बात नहीं कर रहा।
BJP ने कांग्रेस पर लगाया ‘हिंदू विरोधी’ होने का आरोप
बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने पीएम नरेंद्र मोदी के केदारनाथ दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि इसकी अहमियत वे लोग नहीं समझ सकते, जिन्हें गीता में भी जिहाद का संदेश दिखता है। वहीं बीजेपी प्रवक्ता शहज़ाद पूनावाला ने अपना एक वीडियो ट्वीट करते हुए कहा, ‘हिंदुओं से ये नफ़रत संयोग नहीं बल्कि वोटबैंक का प्रयोग है। गुजरात चुनाव से पहले वोटबैंक का ध्रुवीकरण के लिए ये जानबूझकर किया गया है। इससे पहले ‘जनेऊधारी’ राहुल गांधी भी हिंदुत्व के बारे में काफ़ी कह चुके हैं।’
This Hindu hatred is not a sanyog but a Votebank ka Prayog – it is a deliberate ploy before Gujarat polls to polarise a votebank
Earlier “Janeudhari” Rahul Gandhi also said things about Hindutva; said LeT less dangerous than Hindu groups; Digvijaya blamed 26/11 on Hindus 2/2 pic.twitter.com/WKZhxk9IeK
— Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) October 20, 2022
पाटिल के इस बयान पर हुआ विवाद
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मोहसिना किदवई की आत्मकथा के विमोचन पर पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पाटिल ने कहा कि ऐसा कहा जाता है कि इस्लाम धर्म में जिहाद पर काफी चर्चा गई। उन्होंने कहा कि जब सही इरादों और सही चीजें करने के बावजूद भी कोई नहीं समझता है तो यह अवधारणा सामने आई कि बल का प्रयोग किया जा सकता है। पाटिल ने दावा किया, ‘‘यह केवल कुरान में नहीं है, बल्कि महाभारत, गीता में भी है, श्री कृष्ण भी अर्जुन से जिहाद के बारे में बात करते हैं और यह चीज केवल कुरान या गीता में ही नहीं, बल्कि ईसाई धर्म में भी है।’’